Employment In India: इन 27 सेक्टर में बढ़ी जॉब्स, सिटीग्रुप की रिपोर्ट के बाद RBI ने जारी किया डेटा
RBI Data on Employment: सिटीबैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत अपने वर्कफोर्स के लिए जरूरी नौकरियां उपलब्ध नहीं करा पाएगा. रिपोर्ट में रोजगार की क्वालिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की गई थी.
RBI Data on Employment: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सोमवार को डेटा जारी करते हुए कहा कि साल 2022-23 में 27 सेक्टर्स में रोजगार 3.31 फीसदी बढ़ा है. आरबीआई द्वारा डेटा जारी होने से पहले पिछले हफ्ते सिटीबैंक की रिपोर्ट (Citibank Report) आई थी. इसमें भारत में रोजगार सृजन को लेकर चिंता जताई गई थी. इस रिपोर्ट पर सरकार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि सिटीग्रुप ने पीएलएफएस (Periodic Labour Force Survey) और आरबीआई के केएलईएमएस डेटा (RBI KLEMS) के संपूर्ण और सकारात्मक डेटा का संज्ञान नहीं लिया है.
सिटीबैंक ने नौकरियों की संख्या और क्वालिटी पर उठाए थे सवाल
सिटीबैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि लगभग 7 फीसदी की वृद्धि से भारत में हर साल केवल 80 से 90 लाख जॉब पैदा होंगे. भारत को लगभग 1.1 से 1.2 करोड़ नौकरियों की जरूरत है. तेज विकास के बावजूद भारत अपने वर्कफोर्स के लिए जरूरी नौकरियां उपलब्ध नहीं करा पाएगा. रिपोर्ट में रोजगार की क्वालिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की गई थी. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सोमवार, 8 जुलाई को इस रिपोर्ट की कमियों को उजागर किया था. आरबीआई डेटा के अनुसार, 2022-23 में एग्रीकल्चर, ट्रेड और फाइनेंशियल सर्विसेज समेत 27 सेक्टर में काम कर रहे लोगों संख्या सालाना आधार पर 3.31 फीसदी बढ़कर 59.66 करोड़ हो गई है. इन 27 सेक्टर में रोजगार का आंकड़ा 57.75 करोड़ रहा.
पिछले वित्त वर्ष में 4.67 करोड़ जॉब पैदा हुए- आरबीआई
बैंक ने कहा कि देश ने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में 4.67 करोड़ नौकरियां जोड़ीं. यह आंकड़ा उन प्राइवेट सर्वे की संख्या से कहीं ज्यादा है, जो देश में उच्च बेरोजगारी दर की ओर इशारा करते हैं. आरबीआई के डेटा से पता चलता है कि 2023-24 में रोजगार वृद्धि दर 6 फीसदी थी. यह आंकड़ा 2022-23 में 3.2 फीसदी था. आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर केएलईएमएस डेटा उपलब्ध कराया हुआ है. इस डेटाबेस में भारतीय इकोनॉमी के साथ इन सभी 27 सेक्टर का डेटा शामिल किया गया है.
देश में हर साल औसतन 2 करोड़ नौकरियां हो रहीं पैदा
आरबीआई ने कहा कि एग्रीकल्चर, हंटिंग, फॉरेस्ट्री और फिशिंग ने 25.3 करोड़ लोगों को रोजगार दिया था. यह 2021-22 में 24.82 करोड़ के आंकड़े से ज्यादा है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज सेक्टर ने भी बड़ी संख्या में लोगों को जॉब दिए हैं. पीएलएफएस और आरबीआई के केएलईएमएस डेटा के अनुसार, भारत ने 2017-18 से 2021-22 तक 8 करोड़ से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा किए हैं. यह आंकड़ा औसतन हर साल 2 करोड़ जॉब पर पहुंचता है.
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