देश में कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लॉकडाउन और पाबंदियों से घटते रोजगार के बीच कई और सेक्टरों से भी बुरी खबरें मिल रही हैं. देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला मैन्यूफैक्चर सेक्टर सिकुड़ता दिख रहा है. सरकार की ओर से मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर जोर देने के बावजूद पिछले पांच साल में मैन्यूफैक्चरिंग जॉब 50 फीसदी घट गए हैं. 


पांच साल में घट कर आधे रह गए मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के जॉब 


सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की मंथली सीरीज पर आधारित सेंटर फॉर इकोनॉमिक डेटा एंड एनालिसिस में कहा गया है कि पांच साल की तुलना में वर्ष 2020-21 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियां की संख्या घट कर आधी रह गई है. वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में इस सेक्टर ने 32 फीसदी कम नौकरियां दीं. रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी रोजगार में भारी गिरावट आई है. 


रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी घटा रोजगार 


आंकड़ों के मुताबिक केमिकल इंडस्ट्री को छोड़ कर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के सभी उप क्षेत्रों (Sub sector)में रोजगार में गिरावट देखने को मिली है. इन सभी इंडस्ट्रीज में लंबे समय से रोजगार में गिरावट देखने को मिली है. 2016-17 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 5 करोड़ दस लाख लोग रोजगार हासिल कर रहे थे लेकिन 2020-21 में यह 46 फीसदी घट गया और गिर कर 2.73 करोड़ रोजगार पर आ गया. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की जीडीपी में 17 फीसदी हिस्सेदारी है. कोरोना के दौर में यह गंभीर रोजगार संकेट की निशानी है. रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर का भी यही हाल है. 2016-17 में इस सेक्टर में छह करोड़ नब्बे लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ था लेकिन 2020-21 में यह घट कर 5 करोड़ 37 लाख लोगों पर आ गया. कोरोना ने इस सेक्टर को और झटका दिया है. लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से इस सेक्टर में काम धीमा पड़ गया है. 


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