UPA के सामने NDA का रिपोर्ट कार्ड, देश में रोजगार पिछले 10 साल में 36 परसेंट बढ़कर 64.33 करोड़ पर
Employment Rate: मनसुख मांडविया ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 2.9 करोड़ नौकरियों के मौके पैदा हुए जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत 2014-24 के बीच 17.19 करोड़ नौकरियां आईं.
Employment Rate: केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने आज कहा कि देश में रोजगार पिछले 10 साल में 36 परसेंट बढ़कर 2023-24 में 64.33 करोड़ रहा है. जबकि 2014-15 में यह 47.15 करोड़ पर रहा था. यह एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान नौकरियों की स्थिति में सुधार को दिखाता है जबकि यूपीए सरकार के तहत 2004 से 2014 के बीच रोजगार में लगभग सात परसेंट की ही बढ़ोतरी देखी गई थी. देश में रोजगार के मौकों को लेकर सरकार पर दबाव के बीच यह आंकड़ा खास है.
पिछले एक साल में देश में लगभग 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा
मनसुख मांडविया ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियों के मौके पैदा हुए जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत 2014-24 के बीच 17.19 करोड़ नौकरियां जोड़ी गईं. केवल पिछले एक साल यानी 2023-24 में देश में लगभग 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं.
अलग-अलग आंकड़ों के बारे में जानें
मनसुख मांडविया ने कृषि क्षेत्र के बारे में कहा कि यूपीए कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 के बीच रोजगार में 16 परसेंट की गिरावट आई, जबकि एनडीए कार्यकाल के तहत 2014 से 2023 के बीच इसमें 19 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी तरह यूपीए कार्यकाल में 2004 से 2014 के बीच मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सिर्फ छह परसेंट बढ़ा, जबकि राजग कार्यकाल में 2014-2023 के बीच इसमें 15 परसेंट का इजाफा दर्ज किया गया है.
सर्विस सेक्टर में रोजगार
उन्होंने कहा कि यूपीए कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 के बीच सर्विस सेक्टर में रोजगार 25 परसेंट बढ़ा, जबकि मोदी कार्यकाल के दौरान 2014 से 2023 के बीच इसमें 36 परसेंट की बढ़ोतरी देखी गई है.
बेरोजगारी दर घटकर 3.2 परसेंट पर आई
मांडविया ने यह भी कहा कि बेरोजगारी दर घटकर 2023-24 में 3.2 परसेंट पर आ गई जो 2017-18 में छह परसेंट थी. वहीं रोजगार दर यानी कामकाजी आबादी अनुपात बढ़कर 2023-24 में 58.2 परसेंट हो गया, जो 2017-18 में 46.8 परसेंट पर था. इसी तरह श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) बढ़कर 2023-24 में 60.1 परसेंट हो गई जो 2017-18 में 49.8 परसेंट पर थी.
पिछले सात साल में यानी सितंबर 2017-सितंबर 2024 के बीच 4.7 करोड़ से ज्यादा युवा (उम्र 18-28 वर्ष) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन या एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) से जुड़े हैं. संगठित क्षेत्र यानी ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में नौकरी में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी के बारे में यह भी कहा कि ईपीएफओ का आंकड़ा कर्मचारियों के हितों से जुड़ा है.
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