सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के बावजूद रोजगार बढ़ाने की गति धीमी होती जा रही है. रोजगार रिकवरी की चाल काफी धीमी हो गई है. रोजगार रिकवरी की दर जून में 6.7 फीसदी थी लेकिन जुलाई में घट कर यह 1.7 फीसदी पर आ गई. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी यानी सीएमआईई की साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई में बेरोजगारी दर ज्यादा रही. दो अगस्त को खत्म हुए सप्ताह के दौरान रोजगार की दर 37.6 फीसदी पर थी. पिछले साल इस अवधि के दौरान रोजगार दर 39 फीसदी थी.


रोजगार रिकवरी अधूरी, इसलिए घट गया आंकड़ा 


सीएमआईई ने कहा कि जून में रोजगार रिकवरी की रफ्तार तेज हुई थी. जुलाई में भी यह जारी थी. लेकिन जुलाई में यह पूरी नहीं हुई थी इसलिए रोजगार सृजन की दर धीमी पड़ गई थी. अप्रैल में रोजगार की दर गिर कर 11.9 के निचले स्तर पर पहुंच गई थी. जनवरी से मार्च में रोजगार की दर घट कर 27.2 फीसदी हो गई थी.
सीएमआईई रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 23.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. अकेले अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर में 14.8 फीसदी का इजाफा हुआ था. मार्च के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर में तेज बढ़ोतरी हुई थी.


इस सर्वे के मुताबिक बेरोजगारी के मामले में देश भर के राज्यों में पुडुचेरी टॉप पर था. यहां बेरोजगारी दर में 74.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी और यह 75.8 फीसदी पहुंच गई थी. इसी तरह 49.8 फीसदी के साथ तमिलनाडु दूसरे और 47.1 फीसदी के साथ झारखंड तीसरे नंबर पर रहा था. सबसे कम बेरोजगारी 2.9 फीसदी पंजाब में थी. इसके बाद 3.4 फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ और 6.2 फीसदी के साथ तेलंगाना का नंबर था.