Employee Provident Fund Organisation: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के देशभर में करोड़ों सब्सक्राइबर हैं. ईपीएफओ ने अपने खाताधारकों को अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए अपनी कई सर्विसेज को ऑनलाइन कर दिया है. इसके जरिए आप कई तरह के लाभ उठा सकते हैं. कई बार ईपीएफ खाता खुलवाते वक्त नाम, उम्र जैसे डिटेल्स गलत दर्ज हो जाते हैं. ऐसे में आप इन डिटेल्स को फिजिकल फॉर्म के साथ-साथ ऑनलाइन भी अपडेट कर सकते हैं. पहले इसके लिए खाताधारकों को जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म नियोक्ता से भरवाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. इन डिटेल्स को ऑनलाइन माध्यम से बदला जा सकता है.


ऑनलाइन ईपीएफओ में कर सकते हैं 11 बदलाव-


ईपीएफ सब्सक्राइबर ऑनलाइन माध्यम से कुल 11 चीजों में बदलाव कर सकते हैं. इसमें मेंबर का नाम, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ, माता/पिता का नाम, रिलेशनशिप, मैरिटल स्टेटस, डेट ऑफ ज्वाइनिंग, नौकरी छोड़ने का कारण, नौकरी छोड़ने की तारीख, नागरिकता और आधार डिटेल्स आदि शामिल हैं.


ईपीएफ में डिटेल्स इस तरह कर सकते हैं अपडेट-


1. ईपीएफओ में किसी तरह के डिटेल्स अपडेट करने के लिए सबसे पहले ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट epfindia.gov.in पोर्टल पर विजिट करें.
2. आगे यहां ‘For Employees’ के सेक्शन में जाकर ‘Services’ के विकल्प को चुनें.
3. आगे ‘Member UAN/ Online Service’ के विकल्प को चुनें.
4. आपके सामने एक नया पेज खुलेगा, जिसमें UAN Number और पासवर्ड दर्ज करना होगा.
5. फिर आपका ईपीएफ अकाउंट खुल जाएगा. आगे Manage टैब पर क्लिक करें और फिर  ‘Joint Declaration’ के विकल्प को चुनें.
6. आगे मेंबर आईडी को चुनें, जिसमें आप बदलाव करना चाहते हैं.
7. डिटेल्स में बदलाव करने के लिए आपको दस्तावेजों की लिस्ट दी हुई होगी. इसमें से अपनी जरूरत के हिसाब से चुनाव कर लें.
8. डिटेल्स में बदलाव करने के बाद मांगे गए डॉक्यूमेंट्स को अपलोड कर दें.
9. इसके बाद रिक्वेस्ट को नियोक्ता के पास भेज दिया जाएगा.
10. अब रिक्वेस्ट मिलने के बाद नियोक्ता को उसे अप्रूव करना होगा.


नियोक्ता को अप्रूवल देने के लिए अपनाने होंगे ये स्टेप्स-


1. नियोक्ता के पास ईपीएफओ सब्सक्राइबर का employer ID दर्ज करना आवश्यक है.
2. आगे मेंबर टैब पर क्लिक करना होगा.
3. आगे ‘joint declaration’ पर क्लिक करना होगा.
4. इसके बाद नियोक्ता कर्मचारी के रिकॉर्ड को चेक करके उनके रिक्वेस्ट को अप्रूवल या रिजेक्शन दे सकते हैं.
5. नियोक्ता के अप्रूवल के बाद इसे ईपीएफओ के पास भेज दिया जाता है.


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