कोरोना संकट के कारण देश में लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार ने भविष्य निधि (EPF) से 3 महीने की बैसिक सैलरी के बराबर रकम तक निकालने छूट दे दी है. ये छूट दिए जाने के सिर्फ दस दिनों में ही 1.37 लाख लोगों ने पैसे निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिए. जिसका ईपीएफओ ने 279.65 करोड़ का भुगतान किया. खास बात ये है कि ग्राहकों को ये पैसा दोबारा पीएफ में जमा करने की जरूरत भी नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं ईपीएफ से पैसा निकालने पर आपको कितना बड़ा नुकसान हुआ है?
जी हां, पीएफ से अभी कुछ हजार रुपये निकलाने पर रिटायरमेंट कॉरपस पर लाखों रुपये का असर पड़ सकता है. मतलब रिटायरमेंट के समय आपके कुल ईपीएफ जमा पर कई लाख रुपये की कमी हो सकती है. आइए समझते हैं कि पीएफ से कितनी रकम निकालने पर टोटल कॉरपस पर कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है.
एक सैलरीड पर्सन के लिए हर महीने की सैलरी (बेसिक+DA) का 12 फीसदी पैसा पीएफ अकाउंट में जमा करना जरूरी होता है. इतना ही पैसा एंप्लॉयर की ओर से पीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है. इसपर सरकार हर साल 8.5 फीसदी के हिसाब से ब्याज देती है. अगर इस अमाउंट पर कंपाउंडिंग इंटरेस्ट केलकुलेट करें, तो रियारमेंट के समय एक बड़ा कॉरपस तैयार हो जाता है.
25,000 निकालने पर 30 साल में 3.5 लाख का नुकसान
अब मान लीजिए, कोरोना के इस मुश्किल दौर में किसी को पैसों की जरूरत आ जाती है और वह पीएफ से एक छोटी रकम 25 हजार रुपये निकाल लेता है. तो उसे दस सालों में करीब 56000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर उसके रिटायरमेंट में अभी 30 साल का समय है तो रिटायरमेंट फंड में 2.88 लाख की कमी आ सकती है. ये कैलकुलेशन 8.5 फीसदी सलाना ब्याज दर के हिसाब से की गई है. कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के हिसाब से हर साल ब्याज बढ़ता रहता है.
50,000 निकालने पर 30 साल में 3.5 लाख का घाटा
अगर आप 50 हजार रुपये की पीएफ अकाउंट से निकासी करते हैं, तो 10 सालों में 1.13 लाख का घाटा हो सकता है. और अगर रिटायरमेंट के लिए अभी 30 साल है तो टोटल फंड में 5.77 लाख का घाटा हो जाएगा. हम कहना ये चाहते हैं कि पीएफ से जितना ज्यादा पैसा निकालेंगे, उसके कई गुना के हिसाब से कॉरपस कम हो जाएगा.
75,000 निकालने पर 30 साल में 3.5 लाख की चपत
अब मान लेते हैं आपकी सैलरी (बेसिक+DA) 25000 रुपये है और आप तीन महीने की सैलरी (75000 रुपये) निकाल लेते हैं. तो 10 सालों में 1.69 लाख की चपत लग सकती है. अगर ये 75 हजार रुपये अगले 30 साल तक पीएफ अकाउंट में जमा रखते हैं तो रिटायरमेंट के समय ये बढ़कर 8.66 लाख हो सकता है.
बता दें, ईपीएफओ का केंद्रीय न्यासी बोर्ड हर साल ब्याज दर में बदलाव करता रहता है. इसी साल 5 मार्च को ईपीएफओ ने वित्तवर्ष 2019-20 के लिए पीएफ जमा पर ब्याज दर को घटाकर 8.50 फीसदी कर दिया. पिछले वित्तवर्ष 2018-19 में यह ब्याज दर 8.65 फीसदी थी.