EPFO Alert: ईपीएफओ के पेंशन के नियमों में हुआ बदलाव, 23 लाख कर्मचारियों को सीधा फायदा
EPFO Pension Rules: पिछले वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ की कर्मचारी बीमा योजना से निकासी के लगभग 7 लाख दावे रिजेक्ट कर दिए गए थे. बदलाव के बाद रिजेक्शन के मामले कम होने की उम्मीद है...
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लाखों सब्सक्राइबर के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. सरकार ने ईपीएफओ के पेंशन के नियमों में कुछ बदलाव किया है, जिससे प्राइवेट सेक्टर के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को सीधे तौर पर लाभ होने वाला है.
पिछले साल रिजेक्ट हुए 7 लाख क्लेम
पेंशन के नियमों में बदलाव को लेकर सरकार की ओर से शुक्रवार को एक बयान जारी किया गया. बयान के अनुसार, सरकार ने टेबल-डी में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद अब 6 महीने से कम योगदान वाले कर्मचारी भी एम्पलॉइज पेंशन स्कीम के तहत विड्रॉ कर पाएंगे. अभी तक विड्रॉ करने के लिए कम से कम 6 महीने का योगदान जरूरी होता था. इसके चलते सिर्फ वित्त वर्ष 2023-24 में कर्मचारियों के लगभग 7 लाख क्लेम रिजेक्ट किए गए थे.
23 लाख से ज्यादा लोगों को लाभ का अनुमान
सरकार का मानना है कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के टेबल-डी में किए गए बदलाव से 23 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होने वाला है. इस बदलाव से यह सुनिश्चित हुआ है कि अब कर्मचारियों के हर महीने के योगदान को हिसाब में जोड़ा जाएगा और सर्विस पीरियड के अनुपात में विड्रॉल बेनेफिट कैलकुलेट किए जाएंगे.
इस तरह होगा फायदों का कैलकुलेशन
इसका मतलब हुआ कि अब कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ की पेंशन स्कीम में विड्रॉल की रकम नौकरी के महीनों और ईपीएस में योगदान के आधार रहे पारिश्रामिक पर निर्भर करेगी. अभी तक विड्रॉल बेनेफिट का कैलकुलेशन कंट्रीब्यूटरी सर्विस की अवधि पर निर्भर करता था, जिसमें कम से कम 6 महीने की एक कंट्रीब्यूटरी सर्विस जरूरी थी. लगातार 6 महीने की कम से कम एक सर्विस नहीं होने के चलते अब तक लाखों क्लेम रिजेक्ट हो जा रहे थे.
अब फ्रैक्शनल सर्विस पर भी मिलेगा फायदा
ईपीएस के टेबल-डी में ईपीएफओ के उन सब्सक्राइबर को मिलने वाले फायदे बताए गए हैं, जिन्होंने ईपीएस में योगदान किया है और अब सर्विस छोड़ चुके हैं या जिनकी उम्र 58 साल पूरी हो चुकी है. टेबल-डी के नियमों में बदलाव के बाद अब कर्मचारियों को फ्रैक्शनल सर्विस के आधार पर भी फायदा मिलना सुनिश्चित होगा.
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