Employees Pension Scheme: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत ज्यादा पेंशन प्राप्त करने के आवेदन की डेडलाइन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. 13 मार्च, 2022 को ईपीएफओ के द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक अब आप कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मिलने वाले पेंशन की सीमा को बढ़ाने के लिए 3 मई, 2023 तक आवेदन कर सकते हैं. गौरतलब है कि जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 से पहले के ईपीएस सदस्य रहे हैं और उन्होंने पेंशन का ऑप्शन चुनने की सुविधा मिल रही है. इससे पहले EPS ने ज्यादा पेंशन के आवेदन की समय सीमा 3 मार्च, 2023 रखी थी जिसे अब बढ़ाकर 3 मई, 2023 कर दिया गया है.
नोटिफिकेशन मे क्या कहा गया?
EPFO द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि 1 सितंबर, 2014 से पहले ईपीएस कर्मचारियों ज्यादा पेंशन के आवेदन की छूट दी है. ईपीएफओ ने पहली बार 29.12.2023 को इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी थी. इसके बाद 5 जनवरी, 2023 को आवेदन की प्रक्रिया को शुरू कर दी थी. ईपीएफओ के नोटिफिकेशन के अनुसार इस पेंशन के आवेदन के लिए आखिरी तारीख 3 मार्च 2023 थी, मगर कर्मचारियों और सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की गुजारिश के बाद इस समय सीमा को बढ़ाकर अब 3 मई, 2023 कर दिया गया है.
क्या है उच्च पेंशन से जुड़ा अदेश?
कर्मचारी पेंशन स्कीम के मौजूदा नियमों के अनुसार पेंशन के अधिकतम सीमा 15,000 रुपये ही तय की गई थी यानी अगर किसी व्यक्ति की सैलरी 50,000 रुपये भी है तो उसे केवल 15,000 रुपये तक ही पेंशन में निवेश करने का मौका मिलता था. जिस कारण ईपीएस में बहुत पैसे जमा होते थे, मगर अब इस लिमिट को बढ़ा दिया गया है. 1 सितंबर, 2014 तक के ईपीएफओ सदस्य अब अपनी बेसिक सैलरी का 8.33 फीसदी पैसा जमा करके पेंशन का लाभ उठा सकते हैं. ऐसे में अब 15 हजार की लिमिट खत्म हो गई है. अगर आप भी इस हायर पेंशन स्कीम के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए ऑफलाइन आवेदन करना होगा.
कैसे करें आवेदन-
- आवेदन करने के लिए EPS मेंबर को अपने नजदीकी ईपीएफओ के ऑफिस जाना पड़ेगा.
- इसके बाद वहां एप्लीकेशन फॉर्म के साथ ही सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करने पड़ेंगे.
- इसके साथ ही ज्वाइंट ऑप्शन में डिसक्लेमर और डिक्लेरेशन का ऑप्शन चुनना पड़ेगा.
- आगे आपको एक रिसीट नंबर दिया जाएगा.
- इसके बाद आपके आवेदन को क्रॉस चेक करके आपको एसएमएस या ईमेल के जरिए सूचित कर दिया जाएगा.
- इसके बाद पीएफ फंड के निपटारे के लिए ज्वाइंट फॉर्म के कर्मचारी की सहमति की जरूरत भी रहेगी.
- आपके फोन पर आधार से जुड़े नंबर पर ओटीपी आएगा, जिसे दर्ज कर दें.
गौरतलब है कि ईपीएफओ के तहत कर्मचारी और नियोक्ता सैलरी का 12-12 फीसदी हिस्सा योगदान करते हैं. नियोक्ता के 12 फीसदी में से 3.67 फीसदी ईपीएफ में और ईपीएस में 8.33 फीसदी में जमा होता है. अब इसमें 15,000 की लिमिट को हटाकर बेसिक सैलरी कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें-
मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ कपल ने शुरू किया समोसे का बिजनेस, हर दिन हो रही लाखों की कमाई!