EPFO: ईपीएफओ की सफाई, बाजार में उठापटक के बावजूद ज्यादा ब्याज देने में सफल, निवेश के दौरान बरती जाती है सावधानी और संतुलित दृष्टिकोण
EPFO Investment: अडानी समूह के स्टॉक्स में ईटीएफ के जरिए निवेश पर आलोचना के बाद ईपीएफओ ने कहा कि बाजार में उठापटक के बाद भी उसने निवेशकों को तय सुनिश्चित रिटर्न देने में सफल रहा है.
EPFO Investment In Adani Stocks: अडानी समूह के स्टॉक्स में निवेश को लेकर बैकफुट पर आए ईपीएफओ ने अपने बयान में कहा है कि एम्पलॉय प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाईजेशन निवेश करने के दौरान बेहद सावधानी और संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है. दरअसल ये खबर आई थी कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स की भारी पिटाई के बावजूद रिटायरमेंट फंड ईपीएफओ का अडानी समूह के दो स्टॉक्स में निवेश जारी है.
अडानी समूह के स्टॉक्स में निवेश पर ईपीएफओ की सफाई
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने 2022-23 के लिए ईपीएफ रेट 8.15 फीसदी कर दिया है इसी को लेकर जारी श्रम मंत्रालय की तरफ से प्रेस रिलिज में कहा गया कि, ईपीएफओ निवेश करने के दौरान बेहद सावधानी और संतुलित दृष्टिकोण अपनाता रहा है. साथ ही ईपीएफओ का बड़ा फोकस मूलधन यानि प्रिंसपल अमाउंट की सुरक्षा और संरक्षण पर रहता है.
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलिज में कहा गया कि ईपीएफओ पिछले कुछ वर्षों में कम से कम क्रेडिट जोखिम के साथ अलग अलग आर्थिक चक्रों के दौरान अपने मेंबर्स को ज्यादा इनकम देने में सफल साबित हुआ है. बयान में कहा गया कि ईपीएफओ निवेश के क्रेडिट प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए, ईपीएफओ की ब्याज दर ग्राहकों के लिए उपलब्ध निवेश के अन्य विकल्पों के मुकाबले ज्यादा है.
बयान में कहा गया कि सबसे बड़े सोशल सिक्योरिटी ऑर्गनाईजेशन होने के नाते ईपीएफओ इक्विटी और पूंजी बाजार में अस्थिरता और उठापटक के बावजूद अपने सब्सक्राइबर्स को हाई एश्योर्ड ब्याज दर का भुगतान करने के अपने लक्ष्य में सफल रहा है. ईपीएफओ द्वारा अपनाए गए निवेश के कंजर्वेटिव पर इसके साथ ही प्रगतिशील एप्रोच के मिश्रण ने प्रॉविडेंट फंड के मेंबर्स के लिए इसे निवेश का सबसे बेहतरीन विकल्प बना दिया है.
अडानी स्टॉक्स में निफ्टी 50 के ETF के जरिए निवेश
संगठित क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों के 27.73 लाख करोड़ रुपये रिटायरमेंट फंड मैनेज करने वाली ईपीएफओ अपने कुल कॉर्पस का 15 फीसदी एनएसई निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानि ईटीएफ (Exchange Traded Fund) में निवेश करती है. अडानी समूह की दो कंपनियां अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स एनएसई निफ्टी में शामिल है. सितंबर 2023 तक अडानी समूह के दोनों स्टॉक को निफ्टी 50 में बना रहेगा. ऐसे में ईपीएफओ का पैसा जो निफ्टी के ईटीएफ में निवेश किया जाएगा वो पैसा अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स में निवेश होता रहेगा.
विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला
इस खबर के सामने आने के बाद कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सांसद राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार की तीखी आलोचना की थी. विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि एलआईसी, एसबीआई के बाद सरकार ने ईपीएफओ का पैसा भी अडानी स्टॉक्स में डाल दिया. विपक्ष के इस हमले के बाद श्रम मंत्रालय की तरफ से अडानी समूह में निवेश का जिक्र किए बिना सफाई आई है.
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