(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
EPFO Interest Rate: 7 करोड़ लोगों को मिला होली का तोहफा, ईपीएफओ ने बढ़ाया पीएफ पर ब्याज
Interest Rate on PF: इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में ईपीएफओ ने पीएफ खाताधारकों के लिए 8.15 फीसदी का ब्याज तय किया था. इस तरह अब पीएफ खाताधारकों को साल भर पहले की तुलना में 0.10 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलने वाला है...
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को शनिवार को होली का एडवांस तोहफा दे दिया. ईपीएफओ ने पीएफ पर ब्याज में बढ़ोतरी की है. पीएफ खाताधारकों को उनके पीएफ के पैसे पर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.25 फीसदी की दर से ब्याज मिलने वाला है. यह पीएफ पर तीन साल में सबसे ज्यादा ब्याज है.
इतना बढ़ गया पीएफ पर ब्याज
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पीएफ खाताधारकों को पीएफ अकाउंट में रखे पैसे पर ज्यादा रिटर्न मिलने वाला है. इससे पहले पीएफ खाताधारकों को वित्त वर्ष 2022-23 में 8.15 फीसदी की दर से और 2021-22 में 8.10 फीसदी की दर से ब्याज मिला था. इसका मतलब हुआ कि 2023-24 के लिए पीएफ खाताधारकों को साल भर पहले की तुलना में 0.10 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलने जा रहा है.
आज हो रही है सीबीटी की बैठक
हालांकि अभी पीएफ पर लेटेस्ट ब्याज दर का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पीएफ खाताधारकों को किस दर से ब्याज मिलेगा, इसका निर्णय ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज करता है. ईपीएफओ के सीबीटी की आज अहम बैठक हुई, जिसमें पीएफ पर ब्याज को लेकर फैसला लिया गया. सीबीटी के फैसले को अंतिम मुहर के लिए अब वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद पीएफ पर ब्याज दर के बारे में बाद में आधिकारिक तौर पर ऐलान किया जाएगा.
इस बात का लग रहा अनुमान
यह ईपीएफओ के ट्रस्टीज बोर्ड की 235वीं बैठक थी. सीबीटी की बैठक के एजेंडे में ब्याज दर शामिल होने की उम्मीद की जा रही थी. एनालिस्ट उम्मीद कर रहे थे कि ईपीएफओ के द्वारा महंगाई दर और ब्याज दरों को देखते हुए पीएफ पर ब्याज की दर में कुछ बढ़ोतरी की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो इस फैसले से लाखों नौकरी-पेशा लोगों को फायदा होगा.
7 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ
अभी ईपीएफओ के 7 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. खासकर प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के लिए ईपीएफओ के पास जमा पैसा सबसे बड़ी सोशल सिक्योरिटी है. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने एक तय हिस्सा पीएफ के नाम पर कटता है. नियोक्ता की ओर से पीएफ में योगदान दिया जाता है. कर्मचारी नौकरी छूटने, घर बनाने या खरीदने, शादी-विवाह, बच्चों की पढ़ाई या रिटायरमेंट की स्थिति में पीएफ के पैसों की निकासी कर सकते हैं.
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