क्या पेंशन निकालने के लिए EPFO जो नए कदम उठाने जा रहा है उसकी आपको जानकारी है?
अगर ईपीएफओ अपने इस प्रस्ताव को पास करा लेता है तो पेंशन पाने के नियमों में बड़ा बदलाव हो सकता है. यहां जानिए किस बदलाव की तैयारी ईपीएफओ की तरफ से की जा रही है.
नई दिल्लीः ईपीएफओ यानी एंप्लाई प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन की तरफ से पेंशन से जुड़े एक बड़े नियम में बदलाव की तैयारी की जा रही है. बिजनेस पोर्टल इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पेंशन पाने के लिए पेंशन होल्डर्स की उम्र की सीमा को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया जा सकता है.
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जानें क्यों हो रहा है पेंशन के नियमों में परिवर्तन रिपोर्ट्स की मानें तो ईपीएफ एक्ट 1952 में बदलाव की तैयारी की जा रही है और इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि विश्व में औसत आयु बढ़ रही है और भारत में भी औसत आयु बढ़ रही है. विश्व में ज्यादातर जगहों पर पेंशन फंड में पेंशन देने की आयु 65 वर्ष के आसपास ही है और इसी के तहत भारत में भी पेंशन देने की आयु में बदलाव किए जाने की संभावना है.
चाहे आप अलग-अलग नौकरियों में हों, अगर आपको नौकरी करते हुए 10 साल हो गए हैं तो आप पेंशन पाने के हकदार बन जाते हैं. फिलहाल के जो नियम हैं उनके मुताबिक 58 साल के होने पर एक निश्चित राशि पेंशन के तौर पर मिलने लगती है. सूत्रों के मुताबिक इसी नियम को बदलने की तैयारी हो रही है और 58 साल की बजाए 60 साल की उम्र होने के बाद पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया जा सकता है. हालांकि ये वैकल्पिक होगा और कर्मचारी इसके लिए विकल्प चुन सकता है.
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नवंबर में होगी बैठक ईपीएफओ के ट्रस्टियों के सेंट्रल बोर्ड की नवंबर में बैठक होने जा रही है जिसमें ये प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. अगर ट्र्स्टियों के बोर्ड से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा जिसके तहत श्रम मंत्रालय को भी इसे मंजूरी देनी होगी और उसके बाद ये प्रस्ताव पास होगा.
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कैसे तय होती है पेंशन नौकरीपेशा वर्ग की सैलरी से कटने वाली रकम दो अकाउंट में जाती है. पहला होता है प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ और दूसरा होता है पेंशन फंड यानी ईपीएस. सैलरीड कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जाता है. वहीं एंप्लॉयर की ओर से 3.67 फीसदी ईपीएफ (एंप्लाई प्रोविडेंट फंड) में और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (एंप्लाई पेंशन स्कीम) में जमा होता है.
क्या होगा फायदा पेंशनर्स को इससे ये फायदा होगा कि उन्हें 2 साल की अतिरिक्त सर्विस के तहत पेंशन बढ़ाने का ऑप्शन मिल पाएगा. ये भी कहा जा रहा है कि इससे ईपीएफओ को कई हजार करोड़ रुपये का फायदा भी होगा.
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