EPFO EPS Guidelines: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. इसके लिए ईपीओफओ ने 20 फरवरी 2023 को गाइडलाइंस जारी किया है. इस गाइडलाइंस के मुताबिक वैसे कर्मचारी जो ईपीएस स्कीम के तहत ज्यादा पेंशन पाने के हकदार थे लेकिन उन्होंने उसके लिए आवेदन नहीं किया था अब ज्यादा पेंशन पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मुताबिक 3 मार्च 2023 तक ज्यादा पेंशन पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है.
ईपीएफओ ने बताया कि इसके लिए एम्पलॉय और एम्पॉयर दोनों संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे. दरअसल 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये महीने कर दिया गया था. साथ ही कर्मचारियों और उनके एम्पलॉयर को ईपीएस में उनके वास्तविक वेतन का 8.33 फीसदी योगदान करने की अनुमति दी थी. नवंबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था.
ईपीएफओ ने एक कार्यालय आदेश में अपने फील्ड कार्यालयों द्वारा ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म से निपटने के बारे में जानकारी दी है. ईपीएफओ ने कहा कि एक सुविधा दी जाएगी, जिसके लिए जल्द ही यूआरएल (यूनिक रिसोर्स लोकेशन) बताया जाएगा. इसके मिलने के बाद रिजनल पीएफ कमिश्वर व्यापक सार्वजनिक सूचना के लिए नोटिस बोर्ड और बैनर के जरिये जानकारी देंगे. आदेश के मुताबिक, प्रत्येक आवेदन को पंजीकृत किया जाएगा, डिजिटल रूप से लॉग इन किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या दी जाएगी.
इसमें आगे कहा गया है कि संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी अधिकारी उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे. इसके बाद आवेदक को ई-मेल/डाक के जरिये और बाद में एसएमएस के जरिये फैसले की जानकारी दी जाएगी. इससे पहले ईपीएफओ ने 29 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिए यह सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर में किन कर्मचारियों को उच्च पेंशन मिलेगा और इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते हैं, इसके बारे में जानकारी दी गई है.
सर्कुलर में कहा गया है कि केवल वे कर्मचारी योग्य हैं, जिन्होंने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना के तहत अनिवार्य रूप से उच्च वेतन में योगदान दिया है और रिटायरमेंट से पहले उच्च पेंशन के लिए ऑप्शन चुना था. सर्कुलर के अनुसार,. वहीं किसी भी विकल्प का प्रयोग किए बिना 1 सितंबर, 2014 से पहले रिटायरमेंट हुए कर्मचारी भी इसकी सदस्यता से बाहर हो चुके हैं. 2014 के संशोधन के अनुसार विकल्प का प्रयोग करने वाले कमचारियों को ही इसका लाभ दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें