EPFO: ईपीएफ पर ज्यादा रिटर्न देने के लिए ईपीएफओ बढ़ा सकता है सरकारी बांड और शेयर बाजार में निवेश
EPFO Update: ईपीएफओ की फाइनैंस इंवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमिटी की मंगलवार को बैठक हो सकती है. जिसमें शेयर बाजार में निवेश की लिमिट को बढ़ाकर 25 फीसदी तक करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है.
EPFO To Increase Investment In Equity: ईपीएफ बोर्ड ने हाल ही में 2021-22 वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ रेट को 8.5 फीसी से घटाकर 8.1 फीसदी करने का फैसला लिया है जिसकी तीखी आचोलना हो रही है. लेकिन अपने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न दे सके इसके ईपीएफओ की फाइनैंस इंवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमिटी अपनी आने वाली बैठक में सरकारी बॉन्ड और शेयर बाजार में निवेश बढ़ाने के प्रस्ताव पर फैसला ले सकती है. जिससे इनमें निवेश पर ज्यादा रिटर्न हासिल किया सके और ईपीएफओ के खाताधारकों को उनके निवेश पर ज्यादा ब्याज दिया जा सके.
25 फीसदी तक इक्विटी में निवेश संभव
ईपीएफओ की फाइनैंस इंवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमिटी की मंगलवार को बैठक हो सकती है. जिसमें शेयर बाजार में निवेश की लिमिट को बढ़ाकर 25 फीसदी तक करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है. फिलहाल ईपीएफओ अपने फंड का केवल 5 से 15 फीसदी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)के जरिए निवेश करती है. ईपीएफओ को इक्विटी यानि शेयर बाजार में निवेश से 2021-22 में 14 फीसदी का रिटर्न मिला है. जो कि Debt में किए गए निवेश के मुकाबले बहुत ज्यादा रिटर्न है. पिछले हफ्ते ईपीएफओ ने न्यूक्लियर पावर बांड्स में 15 सालों के लिए निवेश किया जिसपर 6.89 फीसदी के ब्याज सलाना मिलेगा. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बांड पर 7.27 फीसदी से लेकर 7.57 फीसदी ब्याज मिल रहा. जाहिर है सरकार के बांड से लेकर कंपनियों के बांड में निवेश पर ईपीएफओ को कम रिटर्न मिल रहा है.
ईपीएफओ पर ज्यादा रिटर्न देने का दवाब
ईपीएफओ पर अपने निवेशकों को ज्यादा ब्याज देने का भी दवाब है वो भी तब जब ईपीएफओ ने हाल में हुए बैठक में ईपीएफ रेट को घटाकर 4 दशक में सबसे कम 8.1 फीसदी कर दिया. यही वजह है कि शेयर बाजार में निवेश ईपीएफओ बढ़ा सकती है जिससे वो ज्यादा रिटर्न कमा सके और ईपीएफओ खाताधारकों को ज्यादा ब्याज दे सके. आपको बता दें ईपीएफओ की फाइनैंस इंवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमिटी इस पर फैसला ले भी लेती है तो इसे ईपीएफओ बोर्ड की मुहर लेनी होगी जिसके सदस्य ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि भी हैं. मार्च 2021 तक ईपीएफओ के पास 15.69 लाख करोड़ रुपये का कॉरपस था.
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