EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. अगर इस गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है, उच्च पेंशन के हकदार कर्मचारी भी कम पेंशन पा सकते हैं. ईपीएस के तहत उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने की समय सीमा 3 मार्च, 2023 तक है. 


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ईपीएफओ ने एक नया प्रोसेस शुरू किया है, जिसके तहत कर्मचारियों को ईपीएस यानी की कर्मचारी पेंशन योजना के तहत ज्यादा पेंशन दिया जाएगा. हालांकि इसके लिए आवेदन करना अनिवार्य है. आवेदन करने के बाद ही उच्च पेंशन का हकदार माना जाएगा. ईपीएस के तहत उच्च पेंशन के लिए संयुक्त रूप से आवेदन करने की अनुमति दी गई है. 


ईपीएफओ के नए नियम का क्या मतलब है?


रिटायरमेंट फंड बॉडी ने अब सब्सक्राइबर्स को 15,000 रुपये प्रति माह के पेंशन योग्य वेतन से ज्यादा की अनुमति दी है. कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत नियोक्ता पेंशन के लिए 'वास्तविक मूल वेतन' के 8.33% के बराबर राशि काट लेते हैं. ऐसे में अब कर्मचारी पहले से ज्यादा पेंशन का लाभ उठा सकते हैं. 


बता दें कि 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन कैप को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था और सदस्यों को उनके नियोक्ताओं के साथ उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी. अब इसे एक बार फिर बढ़ाया गया है और कर्मचारी उच्च पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं. 


कैसे चुन सकते हैं उच्च पेंशन का विकल्प 



  • ईपीएफओ ने कहा कि "एक सुविधा प्रदान की जाएगी जिसके लिए यूआरएल को सूचित किया जाएगा.

  • सभी आवेदन रजिस्टर्ड होगा, डिजिटल रूप से लॉग किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या प्रदान की जाएगी.

  • संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी कार्यालय उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे और आवेदक को ई-मेल/डाक के माध्यम से और बाद में एसएमएस के माध्यम से जानकारी देंगे.

  • आवेदक की ओर से कोई भी शिकायत, शिकायत पोर्टल पर उसके संयुक्त विकल्प फॉर्म को जमा करने संबंधी अगर कोई होगी तो दर्ज की जा सकती है.

  • आवेदन सभी दस्तावेजों और घोषणा पत्र के साथ अच्छे से भरकम जमा करना होगा. 


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