EPF Account: हर सैलरीड व्यक्ति की सैलरी का एक हिस्सा इस खाते में जमा होता रहता है. प्राइवेट सेक्टर (Private Sector)  में नौकरी करने वाले लोग समय-समय पर अपनी नौकरी बदलते रहते है. कई बार नौकरी छोड़ देते हैं इस कारण पीएफ खाते में उनका हिस्सा जमा होना बंद हो जाता है. ऐसे में यह खाता इनएक्टिव हो जाता है. इसके साथ ही खाते में जमा पैसों पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) के रूप में बदल जाता है.


ऐसे में एक्सपर्ट्स लोगों को यह सलाह देते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद तीन साल के अंदर पीएफ खाते से किसी तरह का विड्रॉल जरूर करें. इससे आप होने वालो दोहरे नुकसान से बच जाएंगे. हम आपको निक्रिष्य पीएफ (PF Account Inactive) खाते से जुड़े नियम के बारे मे बताने वाले हैं-


पीएम खाता कब हो जाता है निक्रिष्य?
आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति नौकरी छोड़ देता है और उसके ईपीएफओ (EPFO) खाते में 55 साल की उम्र तक 36 महीने यानी 3 साल तक किसी तरह का किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं होता है तो उस खाते को EPFO द्वारा निष्क्रिय खाते की कैटेगरी में डाल दिया जाता है. ऐसे में आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है. खाते को निष्क्रियता से बचाने के लिए आप 3 साल के बीच में एक बार खाते से विड्रोल जरूर कर लें. इससे आपका खाते इनएक्टिव कैटेगरी में नहीं जाएगा.


निक्रिष्य खाते पर देना होगा टैक्स
पीएफ खाते के नियमानुसार अगर किसी खाते में 3 साल तक किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं होता है तो आपको  इस खाते को निष्क्रिय की कैटेगरी में डाल दिया जाता है. इसके बाद भी जमा पैसों पर आपको ब्याज मिलता रहा है, लेकिन इन पैसों पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स देना पड़ता है. इसके बाद भी इन पैसों पर 7 साल तक क्लेम न लेने की स्थिति में इन पैसों को सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड (SCWF) में भेज दिया जाता है. इन पैसों को 25 साल के भीतर आप सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड से क्लेम करके वापस प्राप्त कर सकते हैं. 


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