EPFO Update: एम्पलॉय प्राविडेंट फंड (EPF) जैसी सबसे बड़ी सोशल सिक्योरिटी स्कीम चलाने वाली ईपीएफओ (EPFO) में सरकार बड़े बदलाव करने की तैयारी में है. न्यूनत्तम पेंशन की लिमिट (Minimum Pension Limit) को मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाया जा सकता है तो रिटायरमेंट के समय पेंशन फंड में से आंशिक विड्रॉल की फैसिलिटी भी दिए जाने का प्रस्ताव है. इसके अलावा उनके लिए स्कीम को आकर्षक बनाने का भी प्रस्ताव है जिनकी मासिक आय 15000 रुपये से अधिक है. 


पोर्टल के माध्यम से विड्रॉल की सुविधा


श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंत्रालय के अधिकारियों और ईपीएफओ के सिस्टम को मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास सब्सक्राइबर्स के लिए प्रभावी और आकर्षक बनाने को कहा है. सरकार ईपीएफओ को बैंकों के तर्ज पर खड़ा चाहती है और इसके लिए नियमों में बड़े बदलाव किए जाने की तैयारी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार चाहती है कि शादियों, मेडिकल ट्रीटमेंट, बच्चों की शिक्षा के लिए आसानी से पैसे विड्रॉल की सुविधा को पोर्टल के माध्यम से ही इजाजत दे दी जाए. इसे लेकर जरूरी पड़ा तो सरकार बड़े पैमाने पर नियमों में बदलाव भी कर सकती है. 


सब्सक्राइबर्स को फाइनेंशियल प्लानिंग का विकल्प


श्रम मंत्री ने रिटायरमेंट के समय विड्रॉल के नियमों को लचीला बनाने का सुझाव दिया है जिससे सब्सक्राइबर्स बेहतर तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकें और पेंशन के तौर पर सालाना मिलने वाले रकम में बदलाव कर सकें. इस बदलाव से नेशनल पेंशन सिस्टम के समान पेआउट सिस्टम को बनाया जा सकेगा जिसमें सब्सक्राइबर को कुछ रकम को एन्युटी में निवेश करना होता और बाकी रकम को वे निकाल सकते हैं. 


1000 रुपये से ज्यादा पेंशन करने की तैयारी 


ईपीएफ के मामले में रिटायरमेंट के बाद ज्यादा पेंशन के लिए एम्पलॉयज पेंशन स्कीम में बड़ा बदलाव करना होगा. वहीं श्रम मंत्री ने ईपीएफओ के सदस्य जो 15000 रुपये मासिक से ज्यादा कमाते हैं उनके लिए स्कीम को और आकर्षक बनाने पर जोर दिया है. ईपीएफओ पेंशन स्कीम ईपीएस को भी मैनेज करती है. अधिकारियों ने बताया कि कई बदलावों पर चर्चा की जा रही है जिसमें निवेश की लिमिट को बढ़ाना शामिल है. मौजूदा समय में एम्पलॉय और एम्पलॉयर बेसिक वेतन का 12 फीसदी निवेश करते हैं जिसे प्रॉविडेंट फंड और एम्पलॉय पेंशन स्कीम में निवेश किया जाता है.    


कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के फंड का इस्तेमाल संभव 


कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के नाम पर जो राज्यों द्वारा फंड वसूला जाता है जो ऐसे ही पड़ा रह जाता है मंत्रालय उस फंड को टैप करने पर विचार कर रहा है. राज्यों के पास करीब 75000 करोड़ रुपये का फंड पड़ा है जिसका इस्तेमाल प्रॉविडेंट फंड कॉरपस के साथ पेंशन के लिए किया जा सकता है.   


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