EPFO Investment In Equity: शेयर बाजार में इन दिनों जोरदार तेजी देखी जा रही है. ऐसे में अपने सब्सक्राइबर्स को बेहतर रिटर्न देने के लिए ईपीएफओ शेयर बाजार में निवेश को अपनी अधिकत्तम सीमा तक बढ़ाने पर विचार कर रही है. इसके अलावा ईपीएफओ को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश से जो आय हुई है उसे इक्विटी में फिर से निवेश करने के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. ईपीएफओ जल्द ही वित्त मंत्रालय से शेयर बाजार में निवेश की सीमा को बढ़ाने की मंजूरी लेगा.


इस वर्ष मार्च महीने में 2022-23 के लिए ईपीएफ रेट करने को लेकर ईपीएफओ बोर्ड की जो बैठक हुई थी उसमें एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश से होने वाले आय को इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स में फिर से निवेश करने को मंजूरी दी गई थी. इस रकम को निवेश किए जाने पर शेयर बाजार में ईपीएफओ का निवेश बढ़कर 15 फीसदी तक हो जाएगा. मौजूदा समय में शेयर बाजार में ईपीएफओ का निवेश कुल कॉरपस का केवल 10 फीसदी है जबकि 15 फीसदी तक निवेश करने की लिमिट है.   


ईपीएफओ ने 2015-16 में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया था. जब उसे कुल कॉरपस का केवल 5 फीसदी निवेश करने की इजाजत थी. ईपीएफओ ने ईटीएफ के जरिये इक्विटी में निवेश करना शुरू किया था. 2016-17 में इक्विटी में निवेश की लिमिट को बढ़ाकर 10 फीसदी और 2017-18 में 15 फीसदी कर दिया गया. आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2022 तक ईपीएफओ ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंज के जरिए इक्विटी में 1.01 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ था जो कि उसके कुल कॉरपस 11.01 लाख करोड़ रुपये का 9.24 फीसदी है. लेकिन ईपीएफओ अब शेयर बाजार में निवेश बढ़ाने पर विचार कर रही जिससे ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को उनके निवेश पर ज्यादा ब्याज दिया जा सके. ईपीएफओ ईटीएफ से हुए आय को इक्विटी और उससे जुड़े दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकती है. 


ईपीएफओ अपने कुल कॉरपस का फिलहाल 15 फीसदी इक्विटी में निवेश कर सकती है. लेकिन इस लिमिट को भी बढ़ाने पर लंबे समय से विचार चल रहा है. लेकिन बाजार के हालात को देखते हुए इजाजत नहीं मिल रही. जबकि ईपीएफओ के फाइनैंस ऑडिट एंड इवेस्टमेंट कमिटी (FAIC) पहले ही इस लिमिट को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किए जाने को मंजूरी दे चुकी है. 


ईपीएफओ ने कम कमाई के चलते 2021-22 के लिए ईपीएफ रेट को घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया था. जो कि 1977-78 के बाद सबसे कम था. 2022-23 के ईपीएफओ ने 8.15 फीसदी ब्याज देने का फैसला किया है. इक्विटी निवेश बढ़ाकर ईपीएफओ अपने सब्सक्राइबर्स को ज्यादा रिटर्न देना चाहती है.  


ये भी पढ़ें 


RBI News: 16 दिनों में 2000 रुपये के 50% नोट्स बैंकिंग सिस्टम में वापस, 1,000 रुपये के नोट लाने की संभावना से गवर्नर ने किया इंकार