EPFO Latest News Update: ईपीएफओ अपने निवेशकों को उनके जोखिम लेने की क्षमता और उम्र के आधार निवेश के विकल्प देने की तैयारी कर रहा है. इस विकल्प जिन ईपीएफ और पेंशन खाताधारकों की उम्र कम है उनके कुल निवेश में से बड़े हिस्से को इक्विटी यानि शेयर बाजार में निवेश का विकल्प दे सकता है जिससे उन्हें ज्यादा रिटर्न मिले. और जिन खाताधारकों की उम्र ज्यादा है उनके पैसे को बांड या सुरक्षित डेट में निवेश का विकल्प ऑफर किया जा सकता है. दरअसल अपने निवेशकों को उनके निवेश पर ज्यादा रिटर्न देने के मकसद से ईपीएफओ इन नियमों में बदलाव पर विचार कर रहा है.
मौजूदा समय में ईपीएफओ केवल 15 फीसदी ही फंड के कुल कॉरपस का हिस्सा इक्विटी यानि शेयर बाजार में निफ्टी 50, भारत 22 इंडेक्स और सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में निवेश कर सकता है. मौजूदा समय में ईपीएफओ के पास कुल 15 लाख करोड़ रुपये कॉरपस है और उसके कुल 6 करोड़ खाताधारक हैं. लेकिन अपने खाताधारकों को ज्यादा रिटर्न देने के लिए ईपीएफओ कॉरपस का 25 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है जिसपर ईपीएफओ बोर्ड की उसे मंजूरी का इंतजार है.
ईपीएफओ प्राविंडेट फंड और पेंशन फंड में जमा पैसे अलग अलग निवेश करने पर विचार कर रहा है. खातधारकों के उम्र और उनके जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर उनकी गाढ़ी कमाई को निवेश किया जाएगा. जिसमें कम उम्र के लोगों के फंड में जमा बड़े हिस्से को इक्विटी में तो उम्रदराज लोगों के निवेश को सुरक्षित जगहों पर निवेश करेगा. पेंशन फंड में जमा रकम को इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में निवेश किया जा सकता है जिससे ज्यादा रिटर्न मिल सके.
ईपीएफओ ने 2021-22 में अपने खाताधारकों को 8.10 फीसदी रिटर्न दिया है जो कि बैंक द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न से ज्यादा है. लेकिन लंबी अवधि में इस प्रकार के निवेश के तरीकों से ज्यादा रिटर्न देना संभव नहीं है. इसलिए निवेश के तौर तरीकों में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है. ईपीएफ रेट घटकर 8.10 फीसदी पर आ गया है जो कि 1977-78 के बाद सबसे कम है.
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