कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation) पीएफ के पैसों को मैनेज करता है. उससे जो कमाई होती है, उसी से सभी पीएफ खाताधारकों को रिटर्न मिलता है. इसके लिए पीएफ से जमा होने वाले फंड को कई जगहों पर इन्वेस्ट किया जाता है. ईपीएफओ (EPFO) अब उन पैसों पर ज्यादा रिटर्न पाने के प्रयास में है और इस काम के लिए ईटीएफ से मिल रही रकम को फिर से शेयर बाजार में डालने की योजना है.


ईपीएफओ ने तैयार किया है प्रस्ताव


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईपीएफओ की योजना है कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ को भुनाने से जो रकम मिल रही है, उसे फिर शेयर बाजार में लगाना चाहिए. ईपीएफओ ने इसके लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया है. ईपीएफओ ने इस काम के लिए ऐसे प्रस्तावों को जोड़ा है, जिनसे यह सुनिश्चित होगा कि शेयरों में निवेश से ज्यादा से ज्यादा कमाई हो और साथ ही बाजार की उथल-पुथल से नुकसान की आशंकाएं कम से कम रहें.


सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मुहर


ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने हाल ही में ईपीएफओ को इस बात की मंजूरी दी थी कि ईटीएफ को भुनाने से जो रकम प्राप्त हो रही है, उसे फिर से शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता है. ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मार्च महीने के आखिरी सप्ताह में बैठक हुई थी. ईटीएफ प्रोसीड को शेयर मार्केट में रीइन्वेस्ट करने संबंधी प्रस्ताव पर उसी बैठक में मुहर लगी थी.


वित्त मंत्रालय की मंजूरी है जरूरी


सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मुहर लगनी बाकी है. एक बार जब ईपीएफओ को वित्त मंत्रालय से इस संबंध में मंजूी मिल जाती है, तभी ईटीएफ प्रोसीड को शेयर बाजार में फिर से निवेश करना संभव हो पाएगा. अभी नियाम कहते हैं कि ईपीएफओ अपनी कमाई के 5 फीसदी से 15 फीसदी तक को ही इक्विटी या उससे जुड़े साधनों में लगा सकता है.


ईपीएफओ चाहता है ये बदलाव


ईपीएफओ अपने इन्वेस्टमेंट से जुड़े कुछ अन्य प्रावधानों में भी बदलाव चाहता है. अभी ईटीएफ यूनिट को एक अंतराल पर रिडीम किया जाता है. ईपीएफओ इन्हें डेली रिडीम करना चाहता है. इसी तरह अभी ईटीएफ रिटर्न की बेंचमार्किंग सेंसेक्स के 4 साल के रिटर्न के हिसाब से किया जाता है. ईपीएफओ का कहना है कि बेंचमार्किंग अब सेंसेक्स के 5 साल के रिटर्न के हिसाब से की जानी चाहिए.


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