(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mutual Fund: निवेशकों को रास आ रहा म्यूचुअल फंड, SIP निवेश ने बनाया रिकॉर्ड, स्माल कैप फंड्स पहली पसंद!
Mutual Fund: इक्विटी म्यूचुअल फंड में जनवरी के दौरान जबरदस्त निवेश हुआ है. यह 71 फीसदी बढ़कर 12,472 करोड़ रुपये हुआ है.
Mutual Fund Funds: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड्स की ओर तेजी से बढ़ा है. जनवरी 2023 के दौरान जनवरी में इक्विटी ओरिएंटेड MF स्कीम्स ओपेन और क्लोज दोनों में कुल इनफ्लो 71 फीसदी बढ़कर 12,472 करोड़ हुआ है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक, मार्च 2021 से ही म्यूचुअल फंड्स में निवेश इनफ्लो पॉजिटीव रहा है.
स्मालकैप और मल्टी कैप फंड्स में भी अच्छा निवेश हुआ है. वहीं मंथली SIP में भी इजाफा हुआ है और महीने दर महीने इसमें 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जनवरी में एसआईपी के जरिए 13,856 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. वहीं पिछले साल जनवरी से SPI कंट्रीब्यूशन 20.3 प्रतिशत बढ़ा है.
एसआईपी अकाउंट की संख्या में इजाफा
वहीं एसआईपी के तहत अकाउंट की संख्या में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और 6.22 करोड़ अकाउंट ओपेन हो चुके हैं. AMFI के एग्जीक्यूटिव NS वेंक्टेशन ने बताया कि SPI संख्या में बढ़ोतरी खुदरा निवेशकों के म्यूचुअल फंड में विश्वास दिखाता है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि SIP में तेजी जारी रहेगी.
इक्विटी फंड्स में जबरदस्त इनफ्लो
इक्विटी में स्माल कैप फंड्स में 2,256 करोड़ रुपये, लार्ज और मिड कैप फंड में 1,902 करोड़ रुपये और मल्टी कैप फंड में 1,773 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया है. वहीं सबसे ज्यादा इनफ्लो स्मालकैप के फंड में देखने को मिला है.
Debt MF स्कीम्स में आउटफ्लो
दूसरी ओर, डेब्ट म्यूचुअल फंड स्कीम में आउटफ्लो 9,733 करोड़ रुपये का देखा गया है, जो दिसंबर में 20,732 करोड़ रुपये के आउटफ्लो से काफी कम है. लिक्विड फंड्स से 5,042 करोड़ रुपये, शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स से 3,859 करोड़ रुपये और ओवरनाइट फंड्स से 3,688 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो हुआ है.
इन फंड्स से क्यों बाहर हुए निवेशक
डेट में आउटफ्लो के उलट जनवरी में मनी मार्केट फंड में 6,460 करोड़ रुपये और 1,765 करोड़ रुपये का अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड मिला है. कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स, और मीडियम से लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स से नेट आउटफ्लो इन डेट फंड कैटेगरी से निवेशक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से बाहर हुए हैं.
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