Mutual Fund: 2024 में म्यूचुअल फंड में डबल हो गया निवेश, 2025 में बाजार में उठापटक के चलते लग सकता है निवेशकों को झटका
Mutual Funds SIP: एम्फी के डेटा के मुताबिक साल 2024 में इक्विटी और इससे जुड़े फंड्स में कुल इंफ्लो 3.94 लाख करोड़ रुपये रहा है जो 2023 में 1.61 लाख करोड़ रुपये रहा था.

Equity Mutual Funds: इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 2024 में करीब चार लाख करोड़ रुपये का निवेश आय है. ये रकम पिछले साल 2023 के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है, जो निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है. निवेशक अब एसआईपी (Systematic Investment Plans ) के जरिये लंबी अवधि के निवेश को अधिक महत्व दे रहे हैं. हालांकि, 2024 में मजबूत प्रदर्शन के बावजूद, ऐसा लग रहा है कि 2025 के लिए आउटलुक बेहद सतर्क भरा है. इसकी वजह भारतीय शेयर बाजार बीते कई महीनों से जारी जोरदार गिरावट.
जर्मिनेट इन्वेस्टर सर्विसेज के सह-संस्थापक और सीईओ संतोष जोसेफ ने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग ने दिसंबर 2024 की शुरुआत से इक्विटी फंड फ्लो में स्लोडाउन दिखने लगा था. बाजार में बढ़ती अस्थिरता के चलते ऐसा देखने को मिल रहा है. ऐतिहासिक रूप से, इक्विटी फंडों में निवेश बाजार के प्रदर्शन से जुड़ा रहा है, और बाजार की अनिश्चितता की अवधि में अक्सर निवेशक गतिविधियां कम हो जाती हैं. जोसेफ ने कहा कि ऐसे में 2025 में नए फंड की पेशकश और इक्विटी फंड जुटाने के मामले में सुस्ती देखी जा सकती है. हालांकि लंबी के निवेशक बाजार में अपने निवेश को जारी रख सकते हैं और बाजार में जब स्थिरता लौटेगी तो इक्विटी मार्केट से वेल्थ सृजन की क्षमता का उन्हें लाभ मिलेगा.
एम्फी (Association of Mutual Funds in India ) के डेटा के मुताबिक साल 2024 में इक्विटी और इससे जुड़े फंड्स में कुल इंफ्लो 3.94 लाख करोड़ रुपये रहा है जो 2023 में 1.61 लाख करोड़ रुपये रहा था. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट अंडर मैनेजमेंट दिसंबर 2024 में 40 फीसदी बढ़कर 30.57 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि 2023 में 21.8 लाख करोड़ रुपये रहा था. इसकी वजह बाजार के लगातार बेहतर प्रदर्शन, फाइनेंशियल साक्षरता, और एसआईपी में बढ़ता निवेश का चलन है जो निवेशक को अनुशाषित निवेश करना सिखाता है.
बजाज फिनसर्व एएमसी के सीईओ गणेश मोहन ने कहा कि खुदरा निवेशक अब इक्विटी को वेल्थ सृजन के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में समझने लगे हैं. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार के लगातार बेहतर प्रदर्शन के साथ-साथ निवेश प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण ने इक्विटी म्यूचुअल फंड को निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बना दिया है, और एसआईपी के बढ़ते चलन ने निवेश की गति में योगदान दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे खुदरा निवेशक अधिक लचीले हो गए हैं, कई लोग बाजार में गिरावट के दौरान भी निवेशित रहना पसंद करते हैं.
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