कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पैदा भीषण मंदी ने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर भी करारा वार किया है. इक्विटी फंड में जून में निवेश में काफी कमी आई है. मई की तुलना में इसमें लगभग 95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.हालात कितने खराब है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मई में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 5246 करोड़ रुपये निवेश हुआ था लेकिन जून में यह घट कर सिर्फ 240 करोड़ रुपये का रह गया.


सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश घटा 


जून में सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश घट कर 7,927 करोड़ रुपये का रह गया. मई में यह 8,123 करोड़ रुपये था. म्यूचुअल फंड विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों को इकनॉमी की अनिश्चितता को लेकर चिंता सता रही है. उनके सामने यह साफ तस्वीर नहीं है कि आगे इकनॉमी क्या मोड़ लेगी.इक्विटी फंड में निवेश प्रवाह को देखें तो मल्टी और लार्ज कैप फंड से निवेशकों ने क्रमश: 778 और 213 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. हालांकि टैक्स सेविंग ईएलएसएस और फोक्स्ड फंड में 587 और 317 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह हुआ है. मिड और स्मॉल कैप फंड में 290 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.


गोल्ड ईटीएफ को तरजीह दे रहे हैं निवेशक


डेट स्कीम में 2862 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आया है. जून में इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम 12.36 लाख करोड़ रुपये का हो गया. मई में डेट स्कीम में 63,665 करोड़ रुपये का फंड आया था. लिक्विड फंड से 44,223 करोड़ रुपये निवेशकों ने निकाल लिए. कंपनियों ने एडवांस टैक्स पेमेंट की वजह से ये पैसे निकाले. डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि कई निवेशकों ने फ्रैंकलिन टेंपलटन की ओर से अपनी छह स्कीमों को बंद कर देने के बाद म्यूचुअल फंड में अपना निवेश निकाल लिया था. कई निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में पैसे लगाने को तवज्जो दी है.