इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में सुधार के संकेत, सितंबर में पैसा निकालने की रफ्तार धीमी
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि फिक्स्ड इनकम म्यूचुअल फंड में निवेश धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इससे पता चलता है कि इकनॉमी में सुधार को लेकर लोग आशावान नहीं हैं और वे निवेश की सुरक्षा चाहते हैं.
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से निवेशकों का पैसा निकालना जारी है, हालांकि इसकी गति अब थोड़ी धीमी हो गई है. अर्थव्यवस्था में थोड़ी उम्मीद का असर इस पर दिखा है.अगस्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से 4000 करोड़ रुपये निकाले गए थे वहीं जुलाई में 2480 करोड़ रुपये निकाले गए थे. जुलाई में एसआईपी के जरिये 7,788 करोड़ रुपये आए थे, जो अगस्त के 7791 करोड़ रुपये से थोड़ा ही कम था. हालांकि निवेशकों का पैसा निकालना जारी है.
म्यूचुअल फंड से पैसे निकालकर सस्ते शेयरों में हो रहा है निवेश
कुछ निवेशक मान रहे हैं संक्रमण के इस दौर में वैल्यूएशन काफी हाई है और उनका बाजार में टिके रहना मुश्किल होगा. इसलिए वे पैसे निकाल रहे हैं. दरअसल वे म्यूचुअल फंड से पैसा निकाल कर इस वक्त कम कीमत में चल रहे शेयरों में पैसा लगा रहे हैं. जहां तक इक्विटी म्यूचुअल फंड का सवाल है तो सबसे ज्यादा पैसा निवेशक मल्टीकैप फंड से निकाल रहे हैं. मल्टीकैप फंड से 1,144 करोड़ रुपये निकाले गए हैं, इसके बाद लार्ज कैप फंड से 576 करोड़ रुपये निकाले गए हैं. ऐसे पैसिव इंडेक्स फंड, जिनमें अधिकतर लार्ज कैप ओरिएंटेड होते हैं, उनमें 398 करोड़ रुपये आए हैं. स्मॉल कैप फंड में 133 करोड़ रुपये का फंड आया है. ईएलएसएस स्कीम से निवेशकों ने 29 करोड़ रुपये निकाले हैं थिमेटिक फंड में 25 करोड़ रुपये आए हैं.
फिक्स्ड इनकम फंड्स में बढ़ा रहा निवेश
म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि फिक्स्ड इनकम म्यूचुअल फंड में निवेश धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इससे पता चलता है कि इकनॉमी में सुधार को लेकर लोग आशावान नहीं हैं और वे निवेश की सुरक्षा चाहते हैं. हालांकि डेट फंड में लोग जोखिम को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं. निवेशक ज्यादा जोखिम उठा कर भी डेट फंड में पैसा लगाना चाह रहे हैं.
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