बदलते दौर में कई ऐसे म्यूचुअल फंड्स आ रहे हैं, जो निवशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इनमें कुछ ऐसे फंड्स भी हैं, जो आज की समस्याओं को सुलझाने के लिए जरूरी पूंजी जुटा रहे हैं. हाल के दिनों में पर्यावरण,  सामाजिक और गवर्नेंस के मुद्दे  काफी अहम हो गए हैं और इनका निवेश पर  असर पड़ रहा है. इन मुद्दों से जुड़े फंड सस्टेनेबल फंड्स या ईएसजी (एनवायरमेंटल, सोशल और गवर्नेंस) फंड कहलाते हैं


सस्टेनेबल फंड्स की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ा 


वित्त वर्ष 2020-21 में सस्टेनेबल फंड्स में निवेशकों ने 3,686 करोड़ रुपये का निवेश किया जो कि उसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में इन फंड्स में किए गए निवेश की तुलना में 76 फीसदी अधिक है. कोरोना महामारी के दौरान वित्त वर्ष 2021 में सिर्फ सस्टेनेबल फंड में निवेश बढ़ा है.  मॉर्निंगस्टार के आंकड़ों के मुताबिक इनमें लगातार निवेश बढ़ रहा है.  सस्टेनेबल या ईएसजी (एनवायरमेंटल, सोशल और गवर्नेंस) फंड्स  रिन्यूबल एनर्जी, लो कॉर्बन, ग्रीन ट्रांसपोर्ट और एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन से जुड़े उद्योगों में पैसा लगाते हैं. 


पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक मॉर्निंगस्टार इंडिया के डायरेक्टर और मैनेजर (रिसर्च) कौस्तुभ बेलापुरकर ने बताया कि भारत में ईएसजी फंड्स निवेशकों के लिए नया है लेकिन इसने निवेशकों को अपनी तरफ तेजी से आकर्षित किया है. बेलापुरकर के मुताबिक कॉरपोरेट सेक्टर भी तेजी से ईएसजी फैक्टर्स की अहमियत समझ रहे हैं ताकि बिजनेस रिस्क कम किया जा सके और उन निवेशकों से लांग टर्म कैपिटल आकर्षित किया जा सके जो निवेश से पहले ईएसजी से जुड़े मुद्दों पर विचार करते हैं. 


2020-21 की दूसरी छमाही में कई ईएसजी फंड लॉन्च 


पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में कई ईएसजी फंड्स लांच हुए. इनमें आदित्य बिरला सन लाइफ ईएसजी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ईएसजी. कोटक ईएसजी अपॉर्च्यूनिटीज, क्वांट ईएसजी इक्विटी फंड, इंवेस्को इंडिया ईएसजी इक्विटी और मिराई एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ शामिल हैं. मार्निंगस्टार के मुताबिक इनमें से सबसे अधिक फंड आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ईएसजी फंड ने करीब 22.5 करोड़ डॉलर जुटाए.


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