ESIC Scheme: केंद्र और राज्य सरकार देश के हर वर्ग को लाभ देने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाती हैं. भारत सरकार का श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ऐसे लोगों के लिए स्कीम चलाता है जिनकी मासिक आय कम है. इस स्कीम का नाम है कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESIC Scheme) जिसके तहत लाखों कर्मचारियों को पेंशन और मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है.इस योजना के लाभार्थियों को सरकार ESI कार्ड जारी करती है. आइए जानते हैं किन इस स्कीम का लाभ किन लोगों को मिलता है और इसके लिए कैसे अप्लाई किया जा सकता है-


किन लोगों को मिलता है ESI कार्ड का लाभ


गौरतलब है कि ESIC स्कीम का लाभ केवल उन लोगों को मिलता है जिनकी मासिक आय कम है. ऐसे में निजी कंपनियों में काम करने वाले लोग, कारखानों और फैक्ट्रियों के कर्मचारियों को इस स्कीम का लाभ मिलता है. हर कर्मचारी को सरकार द्वारा ESI कार्ड का लाभ मिलता है. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों का चयन करने की जिम्मेदारी कर्मचारी राज्य बीमा निगम की है. इसमें स्कीम का फायदा केवल उन संस्थानों को ही मिलेगा जिसमें 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं. इसमें स्कीम में रजिस्ट्रेशन कंपनी यानी नियोजिता को ही करना होता है.






इससे कम सैलरी वाले लोगों को ही मिलता है स्कीम का लाभ


ESIC स्कीम का लाभ केवल उन लोगों को ही मिल सकता है जिनकी मंथली सैलरी 21,000 रुपये से कम है. इस स्कीम में कर्मचारी और कंपनी दोनों को ही अपना योगदान देना होता है. शुरू के तीन साल तक कंपनी का हिस्सा सरकार की ओर से दिया जाता है अगर कर्मचारी की हर दिन की सैलरी 137 रुपये से कम है. इसमें कर्मचारी को मिलने वाली कुल सैलरी का 1.75 फीसदी हिस्सा देना होता है. वहीं कंपनी कुल 4.75 हिस्सा स्कीम में जमा करती है.


ESIC स्कीम के तहत मिलता है यह लाभ


ESIC स्कीम के जरिए केंद्र सरकार कम सैलरी वाले लोगों को मुफ्त में बेहतर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराती है. इस स्कीम के तहत कई केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में सरकार 150 से अधिक हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी भी चलाती है. इसमें कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. इस स्कीम के तहत बीमारी के दौरान छुट्टी पर कर्मचारियों को 91 दिनों के लिए नकद भुगतान किया जाता है. इस दौरान सैलरी की 70 फीसदी के दर से रकम दी जाती है. वहीं महिलाओं को मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) भी दिया जाता है. इसमें महिलाओं को डिलीवरी के 26 हफ्ते तक पूरी सैलरी का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 10,000 रुपये तक का पेंशन का लाभ परिवार को मिलेगा. 


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