देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मोहनदास पई ने एक बार फिर से सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ बढ़ाए जाने के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर कड़ी टिप्पणी दर्ज की. उन्होंने पूछा कि हम लोग (मिडिल क्लास) वित्त मंत्रालय के गुलाम हैं क्या!


पुरानी बातों के जिक्र से भड़के इंफोसिस के एक्स-सीएफओ


इंफोसिस के एक्स-सीएफओ ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा- बीते सालों के बारे में बातें करने का कोई मतलब नहीं है. मिडिल क्लास नाराज है और पिछले 10 सालों से कर्ज का बोझ उठाने के बाद अब बनाई जा रही नीतियों से गुस्सा है. इंडेक्सेशन को इतने असंवेदनशील तरीके से रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट के साथ क्यों हटाया गया, जिससे इतनी नाराजगी पैदा हुई? हम देश के नागरिक हैं या वित्त मंत्रालय के गुलाम हैं?


मोदी सरकार को मोहनदास पई का सुझाव


मोहनदास पई ने एक्स पोस्ट में सरकार को सुझाव दिया कि वह मिडिल क्लास पर ध्यान दे. उन्होंने कहा कि जिन मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स और भारत के नागरिकों ने सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है, उनका सम्मान करने की जरूरत है. उन्हें इस तरह की एक तरफा असंवेदनशील नीतियों से बार-बार जलील नहीं करना चाहिए.


वित्त मंत्री के कार्यालय ने किया ये अपडेट


वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय के द्वारा एक्स पर किए गए एक पोस्ट को कोट करते हुए अपनी टिप्पणी दर्ज कर रहे थे. वित्त मंत्रालय के कार्यालय ने वित्त मंत्री के द्वारा संसद में दिए गए भाषण के एक क्लिप को शेयर किया था, जिसमें वित्त मंत्री पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाती दिख रही हैं. वह कहती हैं- ऐसा कहा जा रहा है कि हम मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं और मिडिल क्लास हमसे नाराज है. उन्हें बताना चाहती हूं कि पुरानी सरकारों के समय एक समय 98 फीसदी टैक्सेशन रह चुका है. उन सरकारों ने लोगों के मौलिक अधिकारों तक पर कभी ध्यान नहीं दिया.


 






इंफोसिस को नोटिस से भी हुए थे नाराज


यह पहला मौका नहीं है, जब मोहनदास पई सरकार से नाराज हुए हैं. सोशल मीडिया खासकर एक्स पर बहुत एक्टिव रहने वाले इंफोसिस के पूर्व सीएफओ को मोदी सरकार का समर्थक माना जाता रहा है. वह पहले लगातार सरकार की नीतियों की सराहना करते देखे गए हैं, लेकिन अभी उनका रुख बदला हुआ है. अभी इंफोसिस को मिले जीएसटी नोटिस पर भी वह भड़क गए थे और उसे टैक्स टेररिज्म बता दिया था.


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