Excise Duty on Petrol-Diesel: मोदी सरकार द्वारा 7 साल के कार्यकाल में पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी वसूली के आंकड़े को लेकर हमेशा विवाद रहा है. लेकिन संसद में सरकार ने बताया कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 2014-15 से लेकर 2020-21 के बीच सात सालों में मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और सेस को मिलाकर कुल 16.7 लाख करोड़ रुपये जुटाये हैं. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कुंवर दानिश अली के एक प्रश्न के जवाब में ये जानकारी दी. 


पंकज चौधरी ने बताया कि 2013-14 में ( यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान) अनबांड्रेड पेट्रोल पर 9.20 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूला जाता था तो डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूला जाता था. लेकिन मौजूदा समय में अनबांड्रेड पेट्रोल पर 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूला जा रहा है. दानिश अली का ये सवाल कि क्या सरकार ने बीते सात सालों में पेट्रोल डीजल पर 36 लाख करोड़ रुपये एक्साइज ड्यूटी के तौर पर वसूला है तो वित्त राज्य मंत्री ने कहा, नो सर.  


हालांकि कोरोना महामारी वाले साल 2020-21 में केंद्र सरकार की पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से होने वाली कमाई दोगुनी हो गई है. ये जानकारी खुद सरकार ने संसद में दी है. 2020-21 (अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक) में पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार को 3.72 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिला है जबकि 2019-20 में एक्साइज ड्यूटी के तौर पर केवल 1.78 लाख करोड़ रुपये मिले थे. 


दिवाली पर सौगात 
लेकिन पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई को लेकर तमाम आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार ने दिवाली के ठीक एक दिन पहले पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर दी. 


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