नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान देश के निर्यात में 5.8 प्रतिशत और आयात में 11.3 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है. इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार सरकार की ओर से कई उपाय लागू किए जा रहे हैं जिससे निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सर्वे के अनुसार, आर्थिक गतिविधियों के शुरू होने से आयात और निर्यात में तेजी आई है.


2020-21 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान निर्यात 21.31 प्रतिशत घटकर 125.25 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 40 प्रतिशत घटकर 148.69 अरब डॉलर रह गया.सर्वे के अनुसार "शुद्ध निर्यात (निर्यात और आयात के बीच का अंतर) दूसरी छमाही में निगेटिव टेरिटरी में फिर से एंट्र होने की संभावना है. वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात में 5.8 प्रतिशत की गिरावट और आयात में 11.3 प्रतिशत की कमी की उम्मीद है."


निर्यात पर कोविड-19 से बड़ा बुरा असर
2020-21 की दूसरी छमाही अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 का पीरियड होगा. वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होता है. सर्वे में कहा गया है कि सरकार की ओर से की गई कर रिफंड योजना RoDTEP और प्रोडेक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम जैसी पहल को लागू करने से निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी. कोविड-19 महामारी के कारण देश का निर्यात प्रभावित हुआ और महामारी से पहले भी निर्यात वैश्विक मांग में मंदी के कारण प्रभावित हुआ था.


दिसंबर में निर्यात में हुई थोड़ी वृद्धि
पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के शिपमेंट में गिरावट के कारण निर्यात में समग्र संकुचन हुआ. मार्च 2020 में संकुचन ने रिकॉर्ड तोड़ दिया जब निर्यात में 60 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. दिसंबर 2020 में इसमें मामूली 0.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई.


सरकार के उपायों से निर्यात बढ़ने की उम्मीद
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर कई उपाय किए गए हैं. इनमें विदेश व्यापार नीति का मार्च 2021 तक एक्सटेंशन, इस वर्ष 1 जनवरी से RoDTEP लागू करना, 1.46 लाख करोड़ रुपए की प्रोडेक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत करने जैसी चीजें शामिल हैं. सरकार के ऐसे उपायों से निर्यात के बढ़ने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें

क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगा बैन? बजट सत्र में नया बिल ला सकती है सरकार

प्रधानमंत्री के बयान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा- बातचीत के रास्ते खुले लेकिन तीनों कानून रद्द करे सरकार