नई दिल्लीः आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडएआई ने लोगों की दिक्कतों को देखते हुए सत्यापन का नया विकल्प मुहैया कराने का फैसला किया है.


प्राधिकरण का ये ऐलान सुप्रीम कोर्ट में आधार पर सुनवायी के ठीक 24 घंटे पहले आय़ा है. कोर्ट में मंगलवार को इस बात पर जिरह होगी कि आधार आखिरकार क्यों अनिवार्य हो. इस मामले में कई जनहित याचिकाएं यानी पीआईएल दायर किए गए हैं. अब इन तमाम याचिकाओं को मिलाकर एक कर दिया गया है और मंगलवार के बाद इस पर नियमित सुनवायी शुरु होगी.


अब तक 12 अंकों वाला आधार नंबर 117 करोड़ लोगों को जारी किया जा चुका है. हालांकि आधार का इस्तेमाल पहचान साबित करने के लिए होता है, लेकिन इसे नागरिकता का सबूत नहीं माना जा सकता. आधार के आधार पर लोगों को रसोई गैस पर सब्सिडी और विभिन्न योजनाओं में सरकारी मदद दी जाती है. सरकार दावा है कि आधार का इस्तेमाल कर शुरु की गयी प्रत्यक्ष हस्तांतरण योजना यानी डीबीटी में अब तक करीब 50 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है.


आधार नंबर हासिल करने के लिए लोगों को अपनी ऊंगली की छाप यानी फिंगर प्रिंट और पुतलियों के रंग यानी आयरिश दर्ज कराने होते है. आम तौर पर जहां कहीं भी आधार के जरिए पहचान साबित करनी होती है, वहां ऊंगलियों के निशान देने होते है. अब परेशानी ये है कि कडी मेहनत-मशक्कत करने वाले लोगों के ऊंगलियों के निशान खराब हो जाते है. कुछ यही स्थिति बुजुर्गों के साथ भी होती है. ऐसी ही लोगों की मदद के लिए प्राधिकरण ने चेहरे का विकल्प मुहैया कराने का फैसला किया है.


गौर करने की बात ये है कि अकेले चेहरे से पहचान सत्यापित करने का काम पूरा नहीं होगा. यहां पर चेहरे के साथ मौजूदा तीन माध्यमों से किसी एक का साथ लेना होगा. मतलब ये कि जब आप चेहरा दिखाएंगे तो उसके साथ या तो ऊंगलियों के निशान, आइरिश या फिर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का भी इस्तेमाल होगा. इसके बाद ही सत्यापन का काम पूरा हो सकेगा. चेहरे के जरिए सत्यापन के लिए प्राधिकरण मौजूदा उपकरणों में बदलाव करने में मदद करेगा. साथ ही सिर्फ चेहरे की पहचान के लिए विशेष उपकरण अलग से भी मुहैया कराए जाएंगे.


आधार से सत्यापन में चेहरे के इस्तेमाल के लिए प्राधिकरण तकनीकी ब्यौरा पहली मार्च से मुहैया कराना शुरु करेगा. इसके बाद पहली जुलाई से इस विकल्प का इस्तेमाल होना शुरु हो जाएगा.


आधार के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न, बैंक खाते, मोबाइल कनेक्शन, पीडीएस, कर्मचारियों की हाजिरी जैसे मामलों में पहचान साबित की जातीहै. अब तक 1510 करोड से ज्यादा सत्यापन का काम किया जा चुका है.