प्रमुख कारक जो आपके पर्सनल लोन की ब्याज़ दरों को प्रभावित कर सकते हैं
Personal Loan: पर्सनल लोन के लिए चाहिए सबसे कम ब्याज दर तो क्रेडिट स्कोर और ऋण-से-आय अनुपात दोनों अच्छा हो यह ध्यान रखें.
Personal Loan: भारत तरक्की के तेज़ दौर से गुज़र रहा है. हम सभी की ज़रूरतें और चाहतें बढ़ गई हैं. साथ ही, इन्हें पूरा करने के लिए पर्सनल लोन का चलन बढ़ा है जिसके तहत इंस्टैंट फाईनान्स हो जाता है. हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि आप पर्सनल लोन की ब्याज दरों को समझ कर आवेदन करें. इससे आपको लोन सस्ता पड़ेगा. सबसे पहले तो यह जान लें कि पर्सनल लोन पर ब्याज दर का क्या अर्थ है. यह वह रकम है जो फाईनान्स कम्पनी पर्सनल लोन देने के लिए आप से लेगी.
यानी पर्सनल लोन लेने के लिए आपको ब्याज में यह रकम देना होगा. फाईनान्स कम्पनी की योग्यता की शर्तों के अनुसार पर्सनल लोन की ब्याज दर अलग-अलग हो सकती हैं. अधिकतर शर्तें पूरा करने पर आपको कम ब्याज दर देना होगा और कम शर्तें पूरी करेंगे तो ज़्यादा. हालांकि इसके अलावा भी कई फैक्टरों पर विचार किया जाता है.
पर्सनल लोन की ब्याज दरें तय करने में कई फैक्टरों पर विचार किया जाता है जैसे:
आमदनी
पर्सनल लोन की ब्याज दर तय करने में आमदनी सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है क्योंकि इसी पर निर्भर करता है कि आप लोन चुकाने में कितना सक्षम हैं. इसलिए यदि आप इसका ठोस प्रमाण देते हैं कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं तो यह माना जाएगा कि आपको लोन देने में कम खतरा है. फाईनान्स कम्पनी इस आधार पर यह तय करती है कि आपको लोन देने में खतरा अधिक है या कम. आम तौर पर महानगरों में पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम आमदनी का स्तर ऊंचा माना जाता है. इस नजरिये से विचार कर अपनी योग्यता के अनुसार किसी पॉकेट-फ्रेंडली पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते हैं तो मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.
कम हो आपका ऋण-आमदनी अनुपात
आप लोन समय से चुकाने के अलावा ऋण-आमदनी अनुपात भी कम रखेंगे तो क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा. इससे फाईनान्स कम्पनी के लिए यह तय करना आसान होता है कि आप कितना नया लोन का भार ले सकते हैं. यह अनुपात अधिक हुआ तो आपके पास चुकाने के पैसे कम होंगे, आपके डिफॉल्टर होने का खतरा अधिक होगा और इसलिए यह माना जाएगा कि आपको लोन देना अधिक खतरनाक होगा. जाहिर है, फाईनान्स कम्पनी आपके आवेदन को मंजूरी देने या कम ब्याज दर पर लोन देने से बचेगी. ऐसे में यह ज़रूरी है कि आप ऋण-आमदनी का अनुपात 40% से कम रखें. इसका अर्थ यह हुआ कि आपकी कुल आमदनी के 40% से अधिक लोन नहीं हो.
क्रेडिट स्कोर
क्रेडिट स्कोर यह बताता है कि आपको कितना क्रेडिट (लोन) दिया जा सकता है. आम तौर पर सिबिल स्कोर 750 या अधिक हो तो सस्ती दरों पर पर्सनल लोन मिल सकता है. आपको किन शर्तों पर लोन देना है यह तय करने से पहले फाईनान्स कम्पनी आपका सिबिल स्कोर देखती है. आपके सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट से इसकी पूरी जानकारी मिलती है कि इससे पहले आपने क्रेडिट का उपयोग कैसे किया। यदि आपका क्रेडिट स्कोर अधिक हुआ तो लोन देने में आपको भरोसे के लायक माना जाएगा और वे आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन दे सकते हैं. इसलिए यह ज़रूरी है कि आप सिबिल स्कोर बेहतर करने और ऊंचा रखने का ज़रूर ध्यान रखें.
अर्थव्यवस्था का हाल और बाज़ार के अन्य फैक्टर
आपके लिए लोन की लागत कई फैक्टरों पर निर्भर करती है जैसे महंगाई की दर, रेपो रेट और ऐसे कई अन्य. ये फैक्टर आपके वश में नहीं हैं फिर भी जब ब्याज दरें आपके बजट में हों तो लोन लेकर इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं. इन्फ्लेशन यानी महंगाई दर अधिक होने पर पर्सनल लोन की ब्याज दर भी अधिक होगी जबकि मंदी में ब्याज दरें कम होती हैं. किसी भी फाईनान्स कम्पनी के पर्सनल लोन की ब्याज दर आरबीआई की रेपो दर से जुड़ी होती है. इसलिए रेपो रेट कम हुआ तो ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं, जबकि रेपो रेट अधिक होने के परिणामस्वरूप ब्याज दरें ज़्यादा हो सकती हैं.
स्थायी आमदनी
आमदनी होने के साथ-साथ यह भी ज़रूरी है कि आपकी स्थायी आमदनी हो. इस पर पर्सनल लोन की ब्याज दर निर्भर करती है. स्थायी आमदनी का प्रमाण यह हो सकता है कि आप कम से कम दो वर्षों से किसी नामी कंपनी में काम कर रहे हैं. यह स्थायी आमदनी का प्रमाण है और फाईनान्स कम्पनी को यह विश्वास दिलाता है कि आप समय पर लोन चुकाने में सक्षम हैं. यह एक महत्वपूर्ण फैक्टर है जिसके आधार पर आपको कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन दिया जा सकता है.
फाईनान्स कम्पनी के साथ पुराना संबंध
फाईनान्स कम्पनी अपने पुराने ग्राहकों से आमतौर पर कम ब्याज दर लेती है. उनके बीच पुराना संबंध होने से आपसी विश्वास रहता है. फाईनान्स कम्पनी जब यह देखती है कि ग्राहक लॉयल है तो संभव है उसे नए ग्राहक की तुलना में बेहतर डील दे.
यह जानने के बाद कि पर्सनल लोन की ब्याज दरें किन कारणों से प्रभावित होती हैं, आप विभिन्न फाईनान्स कम्पनियों की दरों की तुलना करने के बाद ही पर्सनल लोन के लिए आवेदन करें. अब आप पर्सनल लोन एलिजिबलिटी कैलकुलेटर का उपयोग कर पर्सनल लोन के लिए अपनी योग्यता भी देख सकते हैं.
बजाज फाईनान्स सबसे कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन देता है. आप रु.40 लाख तक पर्सनल लोन ले सकते हैं जिसे चुकाने के लिए आपको 84 महीनों का लंबा समय मिल सकता है. इतना ही नहीं आप पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर का भी लाभ ले सकते हैं ताकि अपना हिसाब-किताब देख कर लोन लें और समय से चुकाएं. अब बहुत कम पेपरवर्क कर आप पर्सनल लोन का ऑफर तुरंत देखें.
Disclaimer: यह लेख एक पेड फीचर है. एबीपी और/एबीपी लाइव यहां व्यक्त किए गए विचारों का समर्थन/सदस्यता नहीं करते हैं. हम किसी भी तरह से उक्त लेख में बताए गए विचारों, घोषणाओं, पुष्टियों आदि के संबंध में, बताए गए/चित्रित किए गए उक्त अनुच्छेद के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होंगे. तदनुसार, दर्शकों को स्वविवेक की सलाह दी जाती है.