देश में औद्योगिक उत्पादन अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. हालांकि अप्रैल की तुलना में मई में औद्योगिक उत्पादन 64.92 फीसदी बढ़ा है लेकिन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में यह 34.71 फीसदी घट गया. हालांकि सरकार ने मई में लगातार दूसरे महीने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के पूरे आंकड़े जारी नहीं किए.


शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई का आईआईपी 88.4 पर था. अप्रैल में यह 53.6 पर था. सरकार की ओर से कोई तुलनात्मक आंकड़ा नहीं दिया गया. उसके  बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण आईआईपी आंकड़े की तुलना पिछले महीने के साथ नहीं की जा सकती है. लॉकडाउन की वजह से मार्च 2020 के आखिरी सप्ताह के बाद से अधिकतर औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद थे. इसलिए उत्पादन प्रभावित हुआ है.


ताजा आंकड़ों के मुताबिक  मई 2020 में माइनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली सेक्टर में  औद्योगिक उत्पादन सूचकांक क्रमश: 87.0, 82.4 और 149.6 रहा. प्राइमरी गुड्स में  105.5 अंक, पूंजीगत सामान के लिए 37.1 अंक, इंटरमीडियरी सामानों के लिए 77.6 अंक, इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण सामानों के लिए 84.1, कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स के लिए 42.2 और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए 132.3.


लॉकडाउन में छूट की वजह से हालात में थोड़ा सुधार


मई में लॉकडाउन शर्तों में छूट की वजह से हालात कुछ सुधरते भी दिखे. मैन्यूफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहा.इन्फ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन गुड्स के उत्पादन में भी सुधार दिखा है. अप्रैल में इनके उत्पादन में 84.7 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जबकि मई में यह घट कर 42 फीसदी हो गई. एक्सपर्ट्स का मानना है कि औद्योगिक उत्पादन में जून में भी गिरावट आ सकती है क्योंकि मांग में यह इजाफा ज्यादा देर तक नहीं टिकेगी. मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई, निर्यात और माइनिंग के उत्पादन में गिरावट जारी रहने की आशंका बनी रह सकती है. कोविड-19 संकट की वजह से किए गए लॉकडाउन के चलते सरकार ने लगातार दूसरे महीने मई के औद्योगिक उत्पादन के पूरे आंकड़े जारी नहीं किए. इससे पहले सरकार ने अप्रैल के भी पूरे आंकड़े जारी नहीं किए थे.