रेपो दर में बढ़ोतरी से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की वृद्धि पर 'ब्रेक' लगेगा, FADA ने जताया डर
Repo Rate Impact: FADA के मुताबिक लंबी प्रतीक्षा अवधि के कारण पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट रेपो रेट में बढ़ोतरी के झटके को सह सकता है लेकिन दोपहिया वाहन खंड ऊंची वाहन ऋण लागत का एक और झटका सहन नहीं कर पायेगा.
Repo Rate Impact on Auto Indusrty: वाहन डीलरों के संगठन फाडा ने बुधवार को कहा कि रेपो दर में बढ़ोतरी से वाहन उद्योग की वृद्धि पर 'कुछ हद तक ब्रेक' लगेगी और पहले से मंदी के दौर से गुजर रहा दोपहिया वाहन क्षेत्र प्रभावित होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुधवार को रेपो दर में 0.40 फीसदी की वृद्धि की है. इस फैसले से आवास, वाहन समेत अन्य कर्ज की मासिक किस्तों पर भी असर पड़ेगा.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने एक बयान में कहा, ‘‘रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी के आरबीआई के कदम ने सभी को स्पष्ट रूप से चौंका दिया है. इस कदम से अतिरिक्त नकदी पर अंकुश लगेगा और वाहन ऋण महंगा हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि लंबी प्रतीक्षा अवधि के कारण पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट इस झटके को सह सकता है लेकिन दोपहिया वाहन खंड ऊंची वाहन ऋण लागत का एक और झटका सहन नहीं कर पायेगा.
गुलाटी ने कहा कि दोपहिया वाहन क्षेत्र ग्रामीण बाजार में खराब प्रदर्शन, वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी और उच्च ईंधन लागत के कारण पहले से ही बुरी तरह प्रभावित है. फाडा के अनुसार मार्च, 2022 में दोपहिया वाहनों की बिक्री चार फीसदी घटकर 11,57,681 इकाई की रह गई, जो इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 12,06,191 इकाई की थी.
कल आरबीआई ने बढ़ाई हैं दरें
भारतीय रिजर्व बैंक ने कल रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया है और इसके साथ कैश रिजर्व रेश्यो को भी 0.5 फीसदी बढ़ा दिया है. अब सीआरआर बढ़कर 4.50 फीसदी पर आ गया है. बैंकों के लिए अब होम लोन, ऑटो लोन आदि बढ़ाने की आशंका है जिससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बड़ा असर आएगा.
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