गाड़ियों में पसंदीदा नंबर लगवाने का शौक आने वाले दिनों में और महंगा हो सकता है. सरकार भारत में फैंसी नंबर प्लेट पर जीएसटी वसूल करने की तैयारी कर रही है. सरकार की योजना है कि फैंसी नंबर प्लेट पर जीएसटी की सबसे ऊंची दर यानी 28 फीसदी लागू हो.


सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाड़ियों में पसंदीदा नंबर प्लेट लगवाने पर जीएसटी वसूल किए जाने के प्रस्ताव को अभी वित्त मंत्रालय के पास भेजा गया है. प्रस्ताव में वित्त मंत्रालय से पूछा गया है कि फैंसी नंबर या नंबर ऑफ चॉइस को क्या लग्जरी आइटम की तरह ट्रीट किया जा सकता है और उस पर 28 फीसदी की सबसे ऊंची दर से जीएसटी वसूल की जा सकती है?


फील्ड फॉर्मेशंस ने की ये सिफारिश


सूत्रों के अनुसार, फील्ड फॉर्मेशंस ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) को पत्र लिखकर स्पष्ट करने को कहा है कि क्या देश में ऐसे फैंसी नंबर पर जीएसटी की देनदारी बनती है. फील्ड फॉर्मेशंस का मानना है कि फैंसी नंबर प्लेट लग्जरी आइटम हैं और ऐसे में उनके ऊपर 28 फीसदी की दर से जीएसटी की देनदारी बनती है.


लाखों में नीलाम होते हैं फैंसी नंबर


गाड़ियों में नंबर प्लेट या रजिस्ट्रेशन प्लेट देने का काम राज्य सरकार के प्राधिकरणों का होता है. फैंसी नंबर देने के लिए राज्य सरकारें नीलामी करती हैं, जिसके लिए अलग से शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. कई बार फैंसी नंबर की नीलामी लाखों रुपये में होती है और लोग अपनी गाड़ियों में फैंसी नंबर लगवाने के लिए लाखों रुपये खर्च भी करते हैं.


क्या होते हैं फील्ड फॉर्मेशंस?


फील्ड फॉर्मेशंस सभी राज्यों और जोन में स्थित केंद्र सरकार के दफ्तर होते हैं, जो टैक्स कलेक्शन के लिए जिम्मेदार होते हैं. टैक्स कलेक्शन के अलावा फील्ड फॉर्मेशंस के पास टैक्स से जुड़े नियमों को लागू कराने की भी जिम्मेदारी होती है और वही टैक्सपेयर्स के साथ संवाद भी करते हैं. अगर फील्ड फॉर्मेशंस की बात मानी गई तो जल्दी ही फैंसी नंबर के लिए लोगों का खर्च बढ़ने वाला है.


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