Faster Immigration Clearance: ऐसे यात्रियों को एयरपोर्ट पर मिलेगा ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’, खास व्यवस्था कर रही सरकार!
GOI Faster Immigration Clearance Scheme: हवाई अड्डों पर भीड़ और कतारें आजकल आम हो गई हैं. इससे यात्रियों को भी परेशानी हो रही है. सरकार भीड़ कम करने के लिए कई प्रयास कर रही है...
Trusted Traveller Programme: हवाई यात्रा करना आरामदायक और समय बचाने वाला साबित होता है. हालांकि पिछले कुछ समय से विमानन यात्री हवाईअड्डों पर क्लियरेंस में होने वाली देरी की लगातार शिकायत कर रहे थे. हवाईअड्डों पर चेक पॉइंट के पास लग रही भीड़ सरकार के भी संज्ञान में आ गई है और अब इसका समाधान निकाला जा रहा है. इसके लिए सरकार एक खास तैयारी कर रही है.
इन यात्रियों को मिलेगी सुविधा
सरकार कुछ यात्रियों के लिए ‘ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम’ लॉन्च कर रही है. इसके तहत इन यात्रियों को हवाईअड्डों पर तेज इमिग्रेशन क्लियरेंस की सुविधा मिलेगी. इस प्रोग्राम के तहत यह वीआईपी सुविधा वैसे यात्रियों को मिलेगी, जो प्री-वेरिफाइड होंगे. यह प्रोग्राम भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए होगी और इसे देश के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लागू किया जाएगा.
ये है प्रोग्राम की टाइमलाइन
एचटी की एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि सरकार इसी साल ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम की शुरुआत करेगी. पहले इसे दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर पायलट बेसिस यानी प्रायोगिक आधार पर लॉन्च किया जाएगा. उसके बाद इसे साल 2027 तक 15 अतिरिक्त हवाई अड्डों पर लागू किया जाएगा. साल 2032 तक यह प्रोग्राम भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लागू हो जाएगा.
जल्द शुरू होगा ट्रायल
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम को लागू करने के लिए तीन इलेक्ट्रॉनिक गेट लगाए जा चुके हैं. इनमें से दो इलेक्ट्रॉनिक गेट अराइवल के लिए होंगे, जबकि 1 गेट डिपार्चर के लिए होगा. अभी ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम का ट्रायल शुरू नहीं हुआ है, लेकिन ऐसी उम्मीद है कि इसे जल्दी ही दिल्ली एयरपोर्ट पर शुरू कर लिया जाएगा.
प्रोग्राम से मिलेगी ये सुविधा
यह सुविधा शुरू होने के बाद पहले से वेरिफाइड यात्री इलेक्ट्रॉनिक गेट का इस्तेमाल कर सकेंगे और उन्हें क्लियरेंस के लिए चेक पॉइंट पर लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा. इस कदम से एक ओर यात्रियों का समय बचेगा, साथ ही हवाई अड्डों पर कतारों से लगने वाली भीड़ कम होगी. अमेरिका में पहले से इस तरह की व्यवस्था अमल में है, जिसे ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (Global Entry Program) के नाम से जाना जाता है.
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