FD Premature Withdrawal Rule: बदलते वक्त के साथ ही आजकल निवेश को कई ऑप्शन आ चुके हैं, लेकिन आज भी देश में बड़ी संख्या में लोग बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Fixed Deposit Scheme) में निवेश करना पसंद करते हैं. एफडी स्कीम (FD Scheme) में निवेश करते वक्त आपको एक अवधि का चुनाव करना पड़ता है जिसमें आप अपने पैसे बैंक में निवेश करते हैं. इस अवधि के लिए आपके पैसे बैंक में लॉक हो जाते है, लेकिन कई बार लोगों को अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है. ऐसे में लोग ऐसे में लोग अपनी एफडी की अवधि पूरी होने से पहले ही अपनी एफडी को तुड़वा (FD Premature Withdrawal Rules) लेते हैं. ऐसे में इस तरह के एफडी विड्रॉल को प्रीमैच्योर एफडी विड्रॉल (Premature FD Withdrawal Rule) कहते हैं.
मैच्योरिटी से पहले निकाल सकते हैं एफडी से पैसे
अगर कोई व्यक्ति अपनी एफडी की पूरी अवधि तक अपने पैसे निवेश करके रखता है तो उसे रिटर्न में मैच्योरिटी पर पूरे पैसे मिलते है. अगर आप प्रीमैच्योरिटी पर ही एफडी तुड़वा देते हैं तो ऐसी स्थिति में पेनाल्टी देनी पड़ती है. यह पेनाल्टी आपकी राशि बैंकों के ऊपर निर्भर करती है. आमतौर पर ज्यादातर बैंक प्रीमैच्योर एफडी विड्रॉल पर अपने ग्राहकों से ब्याज दर पर 0.5 से 1 फीसदी तक ब्याज दर अपने ग्राहकों से लेते हैं. यह जुर्माना ब्याज के पैसे पर लगता है.
स्टेट बैंक और HDFC बैंक की पेनाल्टी के बारे में जानें-
आपको बता दें कि देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India FD) अपने ग्राहकों से एफडी के प्रीमैच्योर विड्रॉल पर पेनल्टी वसूलता है. अगर आप 5 लाख रुपये से कम के डिपॉजिट पर प्रीमैच्योर विड्रॉल करते हैं तो आपको 0.50 फीसदी ब्याज का बतौर पेनल्टी के रूप में देना होगा. वहीं अगर 5 लाख रुपये से अधिक के डिपॉजिट पर प्रीमैच्योर विड्रॉल करने पर आपको 1 फीसदी तक ब्याज दर बतौर जुर्माना के रूप में देना होगा. वहीं 7 दिन से पहले पैसे निकालने पर आपको किसी तरह का ब्याज का लाभ डिपॉजिट पर नहीं मिलेगा.
वहीं देश के प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) भी अपने ग्राहकों पर प्रीमैच्योर एफडी विड्रॉल पर 1 फीसदी की पेनाल्टी ब्याज दर पर लगाता है. वहीं अगर आप 7 से 14 दिन के भीतर ही पैसों कै विड्रॉल कर लेते हैं तो आपको किसी प्रकार का जुर्माना नहीं देना होगा. ICICI बैंक 5 करोड़ से कम के एफडी पर 1 साल से कम के विड्रॉल पर आपको 0.50 फीसदी तक जुर्माना देना पड़ता है. वहीं एक साल से ज्यादा लंबी अवधि के बाद विड्रॉल पर आपको 1 फीसदी का जुर्माना देना होगा.
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