FDI in India: देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी प्रवाह में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान गिरावट आई है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान यह 7.7 फीसदी कम होकर 9.5 अरब डॉलर रह गया है. एक साल पहले इसी तिमाही में यह आंकड़ा 10.3 अरब डॉलर था. कुल एफडीआई प्रवाह भी 7.8 फीसदी घटकर 15.3 अरब डॉलर रह गया है. इस दौरान सबसे ज्यादा एफडीआई निवेश सिंगापुर और मॉरीशस से हुआ. डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान भारत में कुल एफडीआई 16.6 अरब डॉलर थी, जो कि जुलाई-सितंबर के दौरान 15.3 अरब डॉलर रह गई. इसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी शामिल हैं. चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में इक्विटी प्रवाह 24 फीसदी घटकर 20.48 अरब डॉलर रहा. इस दौरान सबसे ज्यादा एफडीआई सिंगापुर से आई इसके बाद मॉरीशस का नंबर रहा. 


पांच महीने बाद सितंबर में बढ़ा एफडीआई 


आंकड़ों के मुताबिक, विदेशों से होने वाला निवेश अप्रैल, मई, जून, जुलाई और अगस्त में घटा. हालांकि, सितंबर में यह बढ़कर 4.08 अरब डॉलर हो गया. पिछले साल सितंबर में यह 2.97 अरब डॉलर था. कुल एफडीआई 15.5 प्रतिशत घटकर 32.9 अरब डॉलर रह गया है. अप्रैल-जून, 2022 में यह 38.94 अरब डॉलर था. 


केमन आइलैंड और सायप्रस भी टॉप-10 में शामिल 


टैक्स हैवन कहे जाने वाले देश केमन आइलैंड और सायप्रस भी भारत में एफडीआई करने वाले टॉप-10 देशों में शामिल रहे. आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मॉरीशस, सायप्रस, अमरीका और केमन आइलैंड से होने वाले एफडीआई में गिरावट भी आई है. हालांकि, नीदरलैंड्स, जापान और जर्मनी से निवेश बढ़ा है. 


किस सेक्टर में कितना निवेश 


कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, टेलिकॉम, ऑटो, मेडिसिन, केमिकल और सेवा सेक्टर में कम फ्लो के कारण एफडीआई में गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों, निर्माण विकास और मेटालर्जिकल उद्योग में इस दौरान एफडीआई बढ़ा है. सर्विस सेक्टर में पहली छमाही में 3.8 अरब डॉलर का एफडीआई आया. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में 2.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ.   


महाराष्ट्र में आया सबसे ज्यादा निवेश 


पहली छमाही के दौरान महाराष्ट्र में सबसे अधिक 7.9 अरब डॉलर का एफडीआई निवेश हुआ, जो कि पिछले साल की इसी अवधि में 8 अरब डॉलर था. कर्नाटक में विदेशी निवेश घटकर 2.84 अरब डॉलर रह गया. गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडु और हरियाणा में भी एफडीआई में गिरावट आई है. हालांकि, तेलंगाना, झारखंड और पश्चिम बंगाल में एफडीआई बढ़ा है. ग्लोबल स्तर पर एफडीआई 12 फीसदी कम होकर 1.3 ट्रिलियन डॉलर रह गया.


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