FDI Goal of India: भारत सरकार ने इस साल फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) के लिए 100 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है. पड़ोसी देश चीन से दूरी बना रहे निवेशकों को भारत एक बड़े अवसर के तौर पर देख रहा है. भारत सरकार की कोशिश है कि विदेशी निवेशकों के सामने चीन के विकल्प के रूप में मजबूती से खड़ा रहा जाए. केंद्र सरकार ने एफडीआई को भारत की रहा दिखाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
100 अरब डॉलर का एफडीआई लक्ष्य हासिल करेगा भारत
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड के सचिव राजेश कुमार सिंह ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत सालाना 100 अरब डॉलर का एफडीआई लक्ष्य हासिल कर लेगा. यह लक्ष्य अगले 5 साल में हासिल करने की पूरी उम्मीद है. भारत को लेकर पूरी दुनिया में पॉजिटिव माहौल बना हुआ है. साथ ही भारत की आर्थिक तरक्की पर पूरी दुनिया भरोसा जता रही है. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 5 साल में एफडीआई का औसत 70 अरब डॉलर बना हुआ है. इसमें पिछले साल गिरावट जरूर आई है लेकिन, वित्त वर्ष 2024-25 में ट्रेंड बदलने की पूरी उम्मीद है.
चीन प्लस वन पॉलिसी पर काम कर रही दुनिया
उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भारत पर भरोसा जता रही हैं. साथ ही वह अपने-अपने बिजनेस को दुनियाभर में चल रहे तनावों से बचाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं. वह अपने कारोबार को एक ही जगह केंद्रित नहीं रखना चाहते. इसके लिए उन्होंने चीन प्लस वन रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने हाल ही में भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए शुरू किए गए उपायों का भी असर दिखाई दे रहा है.
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव प्रोग्राम ने दिए अच्छे नतीजे
राजेश कुमार सिंह ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वेहिकल, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और जनरल कंज्यूमर गुड्स जैसे सेक्टर में विकास की बहुत संभावनाएं हैं. इन सेक्टर में अभी हम ग्लोबल औसत से काफी नीचे हैं. सरकार देश में एफडीआई को बढ़ाने के लिए और ज्यादा कदम उठाने को तैयार है. देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए सरकार जरूरी कानूनी बदलाव भी करने को तैयार है. सरकार की ओर से शुरू किए गए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव प्रोग्राम के नतीजे भी अच्छे आ रहे हैं.
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