FDI In India: ग्लोबल आर्थिक चुनौतियों का असर, अप्रैल से दिसंबर के बीच विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 15% घटकर रहा 36.75 अरब डॉलर
FDI Data: विदेशी प्रत्यक्ष निवश में कमी के लिए वैश्विक आर्थिक हालात जिम्मेदार है. 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर के दौरान 15 फीसदी एफडीआई में कमी आई है.
FDI In India: मौजूदा वित्त वर्ष में देश में विदेशी प्रत्यक्ष (Foreign direct investment ) निवेश में गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल- दिसंबर के दौरान विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में 15 फीसदी घटकर 36.75 बिलियन डॉलर रह गया है. डिपार्टमेंट ऑप प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) ने ये आंकड़े जारी किए हैं.
2022-23 में विदेशी निवेश घटा है जबकि 2021-22 में इसी अवधि के दौरान 43.17 बिलियन डॉलर विदेशी निवेश आया था. मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच कुल एफडीआई इंफ्लो जिसमें शेयर बाजार में निवेश से लेकर दूसरे कैपिटले निवेश शामिल है घटकर 55.27 अरब डॉलर रहा है जो बीते वर्ष इसी अवधि में 60.4 अरब डॉलर रहा था.
आंकड़ो के मुताबिक 2022-23 में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सिंगापुर से आया है. सिंगापुर 13 अरब डॉलर के विदेशी निवेश के साथ टॉप इंवेस्टर रहा है. इसके बाद मारीशस है जहां से 4.7 अरब डॉलर, अमेरिका से 5 अरब डॉलर, संयुक्त अरब अमीरात से 3.1 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 2.15 अरब डॉलर. जापान से 1.4 अरब डॉलर और साइप्रस से 1.15 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है.
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेक्टर में इस वित्त वर्ष के नौ महीनों में 8 अरब डॉलर का निवेश आया है. इसके बाद सर्विसेज की बारी आती है जिसमें 6.6 अरब डॉलर, ट्रेडिंग में 4.14 अरब डॉलर, केमिकल्स में 1.5 अरब डॉलर, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 1.27 अरब डॉलर और कस्ट्रंक्शन एक्टिविटी में 1.22 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है.
2022-23 में विदेशी निवेश में कमी के लिए वैश्विक आर्थिक हालात जिम्मेदार है. रूस - यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ी महंगाई के बाद दुनिया के विकसित से लेकर विकासशील देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. अमेरिका यूरोप में महंगाई 40 सालों के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है जिसके चलते सेंट्रल बैंक लगातार कर्ज महंगा करते जा रहा हैं. इसके चलते निवेशक लगातार इमर्जिंग मार्केट्स से अपना निवेश वापस निकाल रहे हैं. यूरोप में आशंक मंदी आने की आशंका जताई जा रही है.
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