भारत में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) अप्रैल-सितंबर 2024 में 45 प्रतिशत बढ़कर 29.79 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. यह बढ़ोतरी सर्विसेज, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, टेलीकॉम, फार्मा और केमिकल्स जैसे सेक्टर में मजबूत निवेश के कारण हुई है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में FDI इनफ्लो 20.5 अरब अमेरिकी डॉलर था.


जुलाई-सितंबर में 43% की उछाल


जुलाई-सितंबर 2024 की तिमाही में, FDI इनफ्लो में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 13.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 9.52 अरब अमेरिकी डॉलर था. अप्रैल-जून तिमाही में भी FDI में 47.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो 16.17 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया.


कुल FDI में 28% की बढ़ोतरी


कुल FDI की बात करें, (जिसमें इक्विटी इनफ्लो, पुनर्निवेशित आय (Reinvested Earnings) और अन्य पूंजी शामिल है) पहली छमाही में 28 प्रतिशत बढ़कर 42.1 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 33.12 अरब अमेरिकी डॉलर था.


इन देशों ने भारत में किया जमकर निवेश


भारत में निवेश करने वाले प्रमुख देशों में मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, नीदरलैंड्स और यूएई जैसे नाम शामिल हैं. आपको बता दें, मॉरीशस से 5.34 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ, जो पिछले वर्ष 2.95 अरब था. वहीं, सिंगापुर से 7.53 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश आया, जो पहले 5.22 अरब था. जबकि, अमेरिका से 2.57 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ, जो पिछले वर्ष 2 अरब था. यूएई से निवेश की बात करें तो यहां से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो 1.1 अरब से बढ़कर 3.47 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. हालांकि, जापान और यूके से निवेश में कमी देखी गई.


इन सेक्टर्स में हुआ निवेश


सेक्टर्स के हिसाब से निवेश देखें तो सबसे ज्यादा निवेश, सर्विसेज, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, टेलीकॉम, फार्मा और गैर-पारंपरिक ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हुआ. सर्विसेज के क्षेत्र में FDI पहली छमाही में 5.69 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 3.85 अरब अमेरिकी डॉलर था. जबकि, गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में 2 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ.


राज्यों के हिसाब से महाराष्ट्र सबसे ऊपर


राज्य स्तर पर महाराष्ट्र ने सबसे अधिक FDI निवेश को आकर्षित किया. यहां 13.55 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ. इसके बाद कर्नाटक, गुजरात और तेलंगाना का स्थान रहा. गुजरात में लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ. इसके बाद कर्नाटक है. यहां 3.54 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ. तीसरे नंबर पर तेलंगाना है. यहां 1.54 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ.


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