US Bank Crisis Latest Update: अमेरिका का मौजूदा बैंकिंग संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. सिलिकॉन वैली बैक के डूबने (Silicon Valley Bank Collapse) से शुरू हुआ यह संकट अब तक कई अमेरिकी बैंकों को अपनी चपेट में ले चुका है. इतना ही नहीं बल्कि इसके संक्रमण का असर यूरोप में भी बैंकिंग जगत पर दिख रहा है. जानकारों का कहना है कि कई बैंकों की स्थिति गंभीर है और वे कभी भी सिलिकॉन वैली बैंक की राह थाम सकते हैं. इन सब के बीच अमेरिकी सरकार और बैंकिंग प्राधिकरण संकट के असर को कम करने के लिए सक्रिय हो गए हैं.
बैंकों के सामने कैश की समस्या
बीते सप्ताह गुरुवार यानी 16 मार्च को अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बताया कि उसने करीब एक सप्ताह के दौरान कई बैंकों को आपातकालीन फंड के रूप में करीब 300 बिलियन डॉलर की रकम दी है. सेंट्रल बैंक ने बताया कि कई बैंक नकदी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में ये बैंक मदद के लिए पैसे मांगने सेंट्रल बैंक के पास पहुंच रहे हैं.
सिर्फ इन दो बैंकों में गया आधा फंड
फेडरल रिजर्व ने बताया कि इनमें से करीब आधी रकम हाल ही में डूबे दो प्रमुख बैंकों की होल्डिंग कंपनियों को कर्ज के रूप में दी गई है. सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक हाल ही में बंद हुए दो प्रमुख बैंक हैं. इन दो बैंकों की होल्डिंग कंपनियों को फेडरल रिजर्व ने इमजरेंसी फंड के रूप में 143 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है. हालांकि फेड ने यह नहीं बताया कि बाकी की रकम किन बैंकों को दी गई है.
यूरोप तक पहुंची संकट की लपटें
आपको बता दें कि सबसे पहले प्राधिकरणों ने 10 मार्च को सिलिकॉन वैली बैंक को बंद किया. उसके कुछ ही दिनों बाद सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) को भी बंद करना पड़ गया. बैंकिंग संकट की चपेट में यूरोप के सबसे पुराने बैंकों में से एक क्रेडिट सुईस (Credit Suisse) भी आ गया. क्रेडिट सुईस को बाद में स्विस नेशनल बैंक से आपातकालीन मदद मिली. हालांकि अभी भी इसका संकट पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है.
दर्जनों बैंकों पर डूबने का खतरा
अमेरिका का मौजूदा बैंकिंग संकट अभी भी थमा नहीं है. चंद रोज पहले एक और अमेरिकी बैंक वेस्टर्न पैसिफिक बैंक (Western Pacific Bank) भी संकट की चपेट में आ गया. बैंक को ग्राहकों से कैश की जबरदस्त डिमांड का सामना करना पड़ रहा है, जिसे पूरा करने में बैंक की हालत खराब हो रही है. खबरें बता रही हैं कि अगला नंबर जिऑन (Zion) और वेस्टर्न अलायंस (Western Allaince) जैसे बैंकों का हो सकता है. कुछ खबरों में तो आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका के दर्जनों बैंक खस्ताहाल हैं और वे कभी भी कोलैप्स कर सकते हैं.
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