Fertiliser and Labour Cost Hike: अगस्त में हुई कम बारिश ने पहले ही किसानों की मुश्किल को बढ़ा रखा है. अब मजदूरी की बढ़ती कीमत और महंगी खाद्य ने खेती को और मुश्किल बना दिया है. एक सर्वे के अनुसार, देश के 55 फीसदी छोटे किसानों ने यह माना पिछले कुछ वक्त में देश में खाद्य की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही लेबर की लागत में भी इजाफा हुआ है. ऐसे में पिछले कुछ सालों की तुलना में खेती मुश्किल हुई है. इसके अलावा कई और फैक्टर्स हैं, जो किसानों के लिए काफी मुश्किल भरा है. 


जर्मनी की कंपनी ने किया सर्वे


इस सर्वे में 47 फीसदी किसानों ने माना कि महंगी बिजली ने खेती को मुश्किल बना दिया है. वहीं 37 फीसदी किसानों ने अस्थिर इनकम और 36 फीसदी किसानों ने फसल की सुरक्षा को बड़ी चुनौती माना है. ध्यान देने वाली बात ये है कि जर्मनी की एग्रो बेस्ड कंपनी बायर क्रॉपसाइंस ने देशभर के 2,056 किसानों को इस सर्वे में शामिल किया है. इसके साथ इस सर्वे में शामिल 42 फीसदी किसानों ने आशंका जताई है कि मानसून में हुई कम बारिश और मौसम के बदलते मिजाज के कारण इस साल फसल की पैदावार कम हो सकती है.


डिजिटल तकनीक किसानों के लिए मददगार-सर्वे


बायर के सर्वे में 60 फीसदी किसानों ने यह माना है कि भारत में बढ़ते डिजिटल तकनीक ने खेती को आसान बना दिया है. किसानों के मुताबिक, भारत में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ ही फसल सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिली है. इसके साथ ही सर्वे में हिस्सा लिए 10 में से 8 किसान खेती से जुड़े अपने भविष्य को लेकर सकारात्मक हैं.


वहीं इस सर्वे में यह किसानों ने यह भी माना है कि पिछले दो सालों में उनकी आय में जबरदस्त गिरावट देखी गई है. हर 6 में एक किसान ने माना है कि पिछले दो साल में उनकी इनकम में 25 फीसदी से ज्यादा की कमी हुई है. किसानों ने माना कि उनकी आय 16 फीसदी तक कम हुई है. इसके साथ ही कुल 76 फीसदी किसान जलवायु परिवर्तन भविष्य का बड़ा खतरा मान रहे हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि बायर ने भारत के अलावा चीन, जर्मनी, केन्या, यूक्रेन, अमेरिका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया में भी छोटे किसानों पर सर्वे किया है.


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