Festive Season Demand: फेस्टिव सीजन में भी क्यों नहीं बढ़ रहे कारोबार, जानिए डिमांड पर किसकी पड़ रही मार
Retail Sector Crisis: लोगों के फेस्टिव मूड पर महंगाई की जबर्दस्त मार पड़ रही है. इस कारण शहरी लोगों की खपत में कमी आई है. ऐसी स्थिति में रिटेल कारोबारी निराश हैं.

Urban Consumption Slowdown: शादी के सीजन में धूम-धड़ाके से कारोबारी उछाल भी आता है. परंतु लोगों के फेस्टिव मूड पर महंगाई की जबर्दस्त मार पड़ रही है. इस कारण लोगों की आम जरूरत पर खर्च काफी बढ़ गए हैं. इस कारण शहरी लोगों की खपत में कमी आई है. ऐसी स्थिति में रिटेल कारोबारी निराश हैं. क्योंकि, पूरे साल के दौरान धंधा चमकने का सबसे सही समय यही होता है. परंतु इस बार कारोबारियों की आशा निराशा में बदल रही है. रिटेलर्स की सबसे अधिक चिंता इस बात को लेकर है कि उन्हें दिवाली के बाद कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स की मांग में कमी साफ दिखाई दे रही है.
दोपहिया वाहनों के कारोबार में दिख रही तेजी
द हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, फेस्टिवल का सीजन होने के कारण दोपहिया वाहनों के कारोबार में तेजी दिख रही है. वहीं बाकी वाहनों के कारोबार में मामूली ग्रोथ है. इसके पीछे महंगाई का दबाव काफी काम कर रहा है.
शहरी मांग में कमी की दिसंबर तिमाही पर बड़ी मार
शहर में रहने वाले लोगों की खपत में कमी से कम हुए डिमांड ने दिसंबर तिमाही के कारोबार पर बड़ा असर डाला है. हालांकि एफएमसीजी सेक्टर के रूरल डिमांड में थोड़ी सी रिकवरी दिखना रिटेल कारोबारियों के लिए राहत की बात है. पार्ले प्रॉडक्ट के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह कहते हैं कि महंगाई और अर्बन स्लोडाऊन के कारण दिसंबर की तिमाही काफी चुनौतीपूर्ण रही. रिटेल सेक्टर ने सात अक्टूबर से एक दिसंबर के दौरान पिछले साल की तुलना में सात फीसदी का मामूली ग्रोथ देखा.
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, यह इंडस्ट्री की आशा को पूरा नहीं करता है. एसोसिएशन के सीईओ कुमार राजागोपालन कहते हैं कि निम्न मध्यवर्गीय लोगों का काफी कम खर्च अभी भी हमारी चिंता का कारण बना हुआ है. एक अन्य एक्सपर्ट के मुताबिक, कंज्यूमर सेंटीमेंट पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर बना हुआ है. लेकिन अभी भी यह प्री-कोविड या वित्तीय वर्ष 2023 के स्तर से ऊपर नहीं है.
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