World Economic Forum: दुनिया के अमीर अब एक अनोखी वजह से परेशान हैं. चंद लोगों के पास इकठ्ठा होती जा रही दौलत उन्हें परेशानी में डाल रही है. उन्हें लगता है कि निकट भविष्य में इसके गंभीर परिणाम समाज के ऊपर दिखाई देने लगेंगे. इसलिए उन्होंने अमीरों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की मांग की है. इन करोड़पतियों और अरबपतियों ने दुनियाभर के नेताओं से उनके जैसे अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने की मांग की है. 


तीन साल से नहीं मिल रहा इस सवाल का जवाब 


वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की दावोस में हुई बैठक में मिलेनियर्स और बिलेनियर्स ने मिलकर ज्यादा दौलत पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की मांग की. इस संबंध में एक ओपन लेटर ‘प्राउड टू पे’ लिखा गया. इसमें उन्होंने ग्लोबल लीडर्स को संबोधित करते हुए लिखा कि हम आश्चर्यचकित हैं कि तीन साल से यह मांग की जा रही है फिर भी किसी के पास इस आसान से सवाल का जवाब नहीं है. आप लोग कब अकूत दौलत को अतिरिक्त टैक्स के दायरे में लाएंगे.


वेल्थ टैक्स की मुहिम में 260 अरबपति व करोड़पति शामिल


इस पत्र को दावोस में जमा हुए ग्लोबल लीडर्स को सौंपा गया. इसमें सुपर रिच लोगों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की मांग की गई. इस पत्र पर दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोगों के हस्ताक्षर हैं. अमीरों पर वेल्थ टैक्स लगाने की इस मुहिम में लगभग 260 अरबपति एवं करोड़पति शामिल हैं. इनका कहना है कि पूरी दुनिया में सामाजिक भेदभाव बहुत बढ़ता जा रहा है. हम इस समस्या की चोटी पर पहुंच गए हैं. इससे दुनिया की आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण स्थिति गंभीर स्थिति में है. अतिरिक्त टैक्स से अमीरों के पास पड़ा यह निष्क्रिय पैसा लोगों की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.


अमीरी के खिलाफ इस मांग में दुनिया के मशहूर नाम शामिल 


बेइंतहा अमीरी के खिलाफ इस मांग को आगे बढ़ाने वालों में वलेरी रॉकफेलर (Valerie Rockefeller), एबीगेल डिजनी (Abigail Disney) और मार्लेन एंगलहॉर्न (Marlene Engelhorn) जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं. मार्लेन एंगलहॉर्न ने कहा कि मेरे पास ढेर सारी दौलत है जबकि इसके लिए मैंने कोई मेहनत नहीं की. ऑस्ट्रिया में पैतृक संपत्ति पर कोई टैक्स नहीं लगता. वह हाल ही में 2.5 करोड़ यूरो की पैतृक संपत्ति को दान करने की इच्छा जताकर चर्चाओं में आई थीं. 


दुनिया की 38 फीसदी दौलत सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास 


वर्ल्ड इनेक्वॉलिटी रिपोर्ट (World Inequality Report) 2022 के अनुसार, अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और गरीब गरीबी के दलदल में फंसते जा रहे हैं. 1995 से 2021 के बीच दुनिया की 38 फीसदी दौलत सिर्फ एक फीसदी लोगों के पास जाकर जमा हो गई है. साथ ही सिर्फ 2 फीसदी दौलत 400 करोड़ लोगों के पास जा पाई. कोविड महामारी के बाद से ही अरबपतियों की दौलत तेजी से बढ़ रही है.  


अमीरों पर अतिरिक्त टैक्स को दूर की कौड़ी


बर्लिन स्थित जर्मन इंस्टिट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च के स्टीफन बाख अमीरों पर अतिरिक्त टैक्स को दूर की कौड़ी बताते हैं. उनका कहना है कि ऐसी मांग करने वाले अधिकतर रईस किसी कंपनी को नहीं चलाते बल्कि उन्हें यह विरासत में मिली है. इसीलिए इस मांग को व्यापार जगत और नेताओं से सहयोग नहीं मिल रहा है. कारोबारियों ने ऐसे किसी भी फाइल्स के खिलाफ जबरदस्त लॉबीइंग की हुई है. उनके बड़े नेताओं से भी कनेक्शन हैं. 2019 में अमेरिका में 5 करोड़ डॉलर से ज्यादा कमाने वाले लोगों पर अल्ट्रा मिलेनियर टैक्स लगाने की मांग की गई थी.


ये भी पढ़ें 


Bill Gates: बिल गेट्स चाहते हैं धनकुबेर खोल दें अपने खजाने, औरों से ज्यादा टैक्स चुकाएं