FICCI Survey: फिक्की ने कहा- 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी भारत की GDP, महंगाई पर दिया खास अनुमान
FICCI Economic Outlook Survey: फिक्की के इकनॉमिक आउटलुक सर्वे में इंडस्ट्री, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर से अर्थशास्त्रियों की राय ली गई जिन्होंने 2024-25 की पहली-दूसरी तिमाही पर अनुमान दिया.
FICCI Economic Outlook Survey: फिक्की के आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण के लेटेस्ट राउंड में साल 2024-25 के लिए भारत की औसत जीडीपी के 7.0 फीसदी की विकास दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. सर्वे के मुताबिक 2024-25 की पहली तिमाही में 6.8 फीसदी के रेट से आर्थिक विकास दर बढ़ेगी और दूसरी तिमाही में जीडीपी के 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है.
2024-25 की पहली-दूसरी तिमाही में महंगाई दर के लिए फिक्की का आकलन
खाने-पीने की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं और अनाज-दालें, फल और दूध में महंगाई बढ़ने के कारण हाल के महंगाई दर के आंकड़ों में बढ़त दर्ज की गई है. सर्वे में भाग लेने वालों को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में कीमतों में नरमी आएगी क्योंकि खरीफ फसल और उनका प्रोडक्शन बाजार में पहुंच जाएगा.साल 2023-24 के लिए सीपीआई महंगाई दर (रिटेल महंगाई) का औसत पूर्वानुमान 4.5 फीसदी रखा गया है. इसमें मिनिमम लिमिट 4.4 फीसदी और मैक्सिमम लिमिट 5.0 फीसदी पर है.
RBI की क्रेडिट पॉलिसी के लिए फिक्की का पूर्वानुमान
सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई की नीतिगत रेपो दर में कटौती के लिए कुछ इंतजार करना होगा. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रेपो रेट में कटौती होने की उम्मीद है क्योंकि आरबीआई महंगाई दर के लक्ष्य पर कड़ी नजर रखते हुए अपने सतर्क दृष्टिकोण को जारी रख सकता है. फिक्की के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024-25 (मार्च 2025) के आखिर तक रेपो रेट 6.0 फीसदी तक होने का अनुमान है.
कौन हैं फिक्की के इकनॉमिक आउटलुक सर्वे में शामिल?
फिक्की के इकनॉमिक आउटलुक सर्वे को जुलाई 2024 में आयोजित किया गया था. इसमें इंडस्ट्री, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर से प्रमुख अर्थशास्त्रियों की राय ली गई. अर्थशास्त्रियों से साल 2024-25 और अप्रैल-जून तिमाही के साथ दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के लिए मैक्रो-इकोनॉमिक आंकड़ों के लिए अपने पूर्वानुमान साझा करने के लिए कहा गया था.
FICCI के इकनॉमिक आउटलुक सर्वे में क्या है खास?
फ्किकी ने 2024-25 के लिए कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए 3.7 फीसदी औसत बढ़ोतरी का अनुमान रखा गया है.
यह साल 2023-24 में रिपोर्ट की गई लगभग 1.4 फीसदी की दर के मुकाबले सुधार दिखाती है.
सामान्य दक्षिण पश्चिम मानसून की उम्मीद के साथ अल नीनो प्रभाव कम होने से खेती के उत्पादन के लिए अच्छा संकेत होने की संभावना है.
वहीं चालू वित्त वर्ष में इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में क्रमशः 6.7 फीसदी और 7.4 फीसदी का इजाफा होने का अनुमान है.
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