FICCI Estimate on GDP: उद्योग संगठन फिक्की ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती हुई कीमतें वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं.


फिक्की ने जारी की रिपोर्ट
फिक्की की तरफ से रविवार को जारी आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर सकता है. चालू वित्त वर्ष के अंत तक रेपो दर में 50-75 आधार अंक की वृद्धि हो सकती है. आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी इसी हफ्ते आने वाली है जिसमें नीतिगत दरों पर आरबीआई अपना फैसला सुनाएगा. इस बार कई आर्थिक जानकारों को उम्मीद है कि आरबीआई इस बार भी दरें पूर्व स्तर पर बरकरार रखेगा.


चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी जीडीपी वृद्धि की उम्मीद-फिक्की
सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि आरबीआई इस हफ्ते की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को अपरिवर्तित रखकर आर्थिक पुनरुद्धार को अपना समर्थन बरकरार रख सकता है. इस रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद जताई गई है.


फिक्की की रिपोर्ट में किया गया सतर्क
हालांकि फिक्की की रिपोर्ट में वृद्धि से जुड़े जोखिमों को लेकर भी सतर्क किया गया है. इसके मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग वैश्विक पुनरुद्धार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस सर्वेक्षण में शामिल अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि वैश्विक मुद्रास्फीति (महंगाई) के पहली छमाही में बढ़ने की आशंका है लेकिन उसके बाद इसमें नरमी आ सकती है.


ये भी पढ़ें


Petrol Diesel Rate Today: आज फिर महंगा हो गया पेट्रोल-डीजल, जानें आपके शहर में कितने बढ़े दाम


India's Export: भारत ने एक्सपोर्ट का बनाया नया रिकॉर्ड, वित्त वर्ष 2021-22 में 418 अरब डॉलर का निर्यात