RBI On Inflation: महंगाई को लेकर आरबीआई की जारी लड़ाई सख्त और लंबी (Dogged and Prolonged) रह सकती है. क्योंकि मॉनिटरी पॉलिसी के तहत आरबीआई ने जो फैसले लिए उसका असर दिखने में समय लग सकता है. आरबीआई ने अक्टूबर महीने के लिए जारी किए गए अपने मंथली बुलेटिन में ये बातें कही है. हालांकि आरबीआई ने कहा कि सितंबर 2022 के खुदरा महंगाई दर के उच्च लेवल से महंगाई दर में कमी आ सकती है. 


आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा कि सितंबर के बाद से आने वाले दिनों में कीमतों में कमी और बेस इफेक्ट्स के चलते महंगाई दर में कमी आ सकती है. आरबीआई ने कहा कि खुदरा महंगाई दर तीन तिमाही से टोलरेंस बैंड के ऊपर बना हुआ है जिसकी जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. हालांकि आरबीआई ने साफ कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी का मकसद महंगाई दर को लक्ष्य के भीतर लाने पर है. 


आपको बता दें 12 अक्टूबर, 2022 को खुदरा महंगाई दर के जो आंकड़े घोषित हुए हैं उसके मुताबिक महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर 7.41 फीसदी पर जा पहुंचा है जबकि अगस्त महीने में 7 फीसदी रहा था. इससे पहले अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर ने 7.79 फीसदी के आंकड़े को छूआ था. 


आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा कि 2022-23 में 27 सितंबर तक डॉलर दुनिया की अन्य करेंसी के मुकाबले 16.1 फीसदी मजबूत हुआ है. जबकि डॉलर के मुकाबले रुपये में केवल 6.8 फीसदी की ही कमजोरी आई है. आरबीआई के मुताबिक अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव और बेहतर स्टॉक के चलते प्रमुख ट्रेडिंग पार्टनर्स के मुकाबले भारत में महंगाई कम रही है. आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा कि 537.5 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है किसी भी बाहरी झटकों के लड़ने की ताकत प्रदान करता है.   


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