Tax System: भारत में ‘वन नेशन, वन टैक्स’ की सोच के साथ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) को लाया गया था. जीएसटी में भी सभी प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज को अलग-अलग 5 टैक्स स्लैब में बांटा गया है. देश में जीरो से लेकर 28 फीसदी तक जीएसटी लगाया जाता है. इसके तहत उत्तर भारत में मशहूर सत्तू 5 फीसदी जीएसटी के दायरे में आता है. उधर, इडली, डोसा व खमन मिक्स पर यह दर 18 फीसदी है. इसी अंतर ने विवाद को जन्म दिया और मामला पहुंच गया गुजरात सरकार के पास. इस मामले में सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि इडली, डोसा व खमन मिक्स को सत्तू की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है इसलिए इन पर ज्यादा टैक्स लगता रहेगा.
सत्तू पर लगता है 5 फीसदी जीएसटी
गुजरात अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (GAAR) ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि देश में अलग-अलग खाद्य उत्पादों की जीएसटी कैटेगरी हैं. प्राधिकरण ने कहा कि इडली, डोसा और खमन बनाने के मिश्रण को सत्तू नहीं माना जा सकता है. इसलिए उन पर 5 फीसदी की बजाय 18 फीसदी जीएसटी ही लगाया जाना चाहिए. गुजरात स्थित किचन एक्सप्रेस ओवरसीज लिमिटेड ने जीएसटी अग्रिम प्राधिकरण के फैसले के खिलाफ जीएएआर से संपर्क किया था. कंपनी ने कहा था कि उसके 7 'इंस्टेंट आटा मिक्स' रेडी टू ईट भोजन नहीं है. उन्हें खाना पकाने की कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है.
GAAR ने सत्तू को अलग प्रोडक्ट बताया
यह कंपनी गोटा, खमन, दालवाड़ा, दही-वड़ा, ढोकला, इडली और डोसा के आटे के मिश्रण को पाउडर के रूप में बेचती है. जीएएआर ने अपीलकर्ता की दलील को खारिज करते हुए कहा कि 'इंस्टेंट आटा मिक्स' बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री प्रासंगिक जीएसटी नियमों के तहत शामिल नहीं है, जैसा कि सत्तू के मामले में है.
प्रोडक्ट में मसाले और अन्य सामग्री भी शामिल
सीबीआईसी (CBIC) के अनुसार, सत्तू पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है. जीएएएआर ने अपने फैसले में कहा कि अपील करने वाली कंपनी के प्रोडक्ट में मसाले और अन्य सामग्री भी शामिल हैं. उधर, सत्तू के मामले में ऐसा नहीं है.
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