Investors Wealth Rises: 8 सत्र में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने एक बिलियन डॉलर किया निवेश, 14 लाख करोड़ बढ़ गई निवशकों की संपत्ति
Market Capitalisation: बाजार अपने हाई से 10 फीसदी नीचे आ चुका था. वैल्यूएशन के आकर्षक होने के बाद फिर से विदेशी निवेशक लौटने लगे हैं.
Investors Wealth Increases: नया वित्त वर्ष 2023-24 भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद शानदार रहा है. बीचे 8 ट्रेडिंग सत्र में भारतीय शेयर बाजार ने शानदार तेजी दिखाई है. इन सत्रों में सेंसेक्स में 2800 तो निफ्टी में 860 अंकों की तेजी आ चुकी है. तो इन 8 सेशन में शेयर बाजार के निवेशकों की संपत्ति में 14 लाख करोड़ रुपये का उछाल आ चुका है.
28 मार्च को सेंसेक्स 57,613 के लेवल पर था जो अब 60,000 के आंकड़े को पार करते हुए 60,392 अंकों पर जा पहुंचा है. इन दौरान सेंसेक्स में करीब 2800 अंकों की तेजी देखने को मिली है. तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 16,951 के लेवल पर गिरा था और वहां से इंडेक्स 17,812 के लेवल पर आ चुका है यानि निफ्टी में 860 अंकों का उछाल आ चुका है. इंडेक्स में तो तेजी आई ही साथ बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाईजेशन में जबरदस्त उछाल आया है. 28 मार्च को बीएसई पर लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैप 251.86 लाख करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 265.65 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है. यानि निवेशकों की संपत्ति में करीब 14 लाख करोड़ रुपये की तेजी आई है.
बाजार में अचानक सेंटीमेंट बदलता नजर आ रहा है. विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजार में लौटने लगे हैं. विदेशी निवेशकों ने एक बिलियन डॉलर का निवेश इन 8 सेशन में किया है. दरअसल बाजार अपने हाई से 10 फीसदी नीचे आ चुका था. वैल्यूएशन के आकर्षक होने के बाद फिर से विदेशी निवेशक लौटने लगे हैं.
2022-23 की चौथी तिमाही के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. टीसीएस के तिमाही नतीजे घोषित हो चुके हैं और आने वाले दिनों दिग्गज कंपनियों के नतीजे घोषित होंगे. बाजार की चाल काफी हद तक नए वित्त वर्ष में इन कंपनियों के आय के गाइडेंस पर निर्भर करेगा.
वहीं मौसन विभाग ने मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. जिसके बाद माना जा रहा है खरीफ फसल के लिए ये अच्छा रह सकता है. इसके चलते महंगाई में कमी आ सकती है. जिसके बाद महंगे कर्ज का सिलसिला थम सकता है. खुदरा महंगाई दर मार्च में 15 महीने के निचले लेवल 5.66 फीसदी पर आ चुका है जो आरबीआई के टोलरेंस बैंड के भीतर है. उसपर से आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी में पॉलिसी रेट्स में बदलाव नहीं किया है इससे भी बाजार में जोश है.
ये भी पढ़ें