Income Tax: आयकर रिटर्न दाखिल करने में लेटलतीफी करने वाले सावधान हो जाएं. उनके पास 31 दिसंबर तक आखिरी मौका है. इस बीच वे पांच हजार विलंब शुल्क के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दें, नहीं तो उन्हें पछताना पड़ेगा. जेल भी जाना पड़ सकता है. 31 दिसंबर के बाद जुर्माने की राशि बढ़ भी सकती है. कुछ और जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है. धारा 139(4) के तहत परिभाषित विलंबित रिटर्न धारा 139(1) के तहत मूल समय सीमा के भीतर दाखिल नहीं किए गए किसी भी आयकर रिटर्न पर लागू होता है.
31 जुलाई तक ही थी मूल समय-सीमा
वित्तीय वर्ष 2023-24 (मूल्यांकन वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय-सीमा 31 जुलाई तक ही थी. इस समय-सीमा से चूकने वाले करदाताओं के पास विलंबित रिटर्न दाखिल करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय है. आयकर अधिनियम की धारा 234F के अनुसार, अब दाखिल करने पर पांच हजार रुपये का विलंब शुल्क देना होगा. इसके बाद भी चूकेे तौ दूसरी जटिलताएं बढेंगी.
31 दिसंबर तक भी चूक गए तो क्या होगा
31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न फाइल नहीं करने वाले लोगों को पांच लाख रुपये से ज्यादा सालाना आय पर जुर्माना बढ़कर 10 हजार रुपये हो जाएगा. इसके अलावा आगे चलकर कानूनी कार्रवाई और वित्तीय नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है, जिसमें कुछ नुकसानों को आगे ले जाने की सीमित क्षमता भी शामिल है. आयकर विभाग की ओर से किसी विदेशी संपत्ति या कमाई की जानकारी देने की समय-सीमा भी 31 दिसंबर तक दी गई है. तब तक अगर यह जानकारी आप आयकर विभाग को नहीं देते हैं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. जानकारी छुपाने के लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. इतना ही नहीं कुछ परिस्थितियों में जेल भी हो सकती है.
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