ITR e-Verification: आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना है जरूरी, जानें इसका आसान प्रोसेस
e-Verification of ITR: आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन के प्रोसेस को पूरा करना बहुत जरूरी है. इसके बिना आईटीआर फाइलिंग को पूरा नहीं माना जाता है.
ITR e-Verification: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन अब खत्म होने वाली है. अगर आपने अभी तक वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो फटाफट इस काम को कर लें. 1 अगस्त 2023 से इस काम को करने के लिए 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा. ध्यान रखें कि आईटीआर फाइल करने के बाद इसका ई-वेरिफिकेशन करना भी आवश्यक है. बिना ई-वेरिफिकेशन के आईटीआर फाइलिंग को पूरा नहीं माना जाता है. अगर आपने आईटीआर तो फाइल कर दिया है लेकिन ई-वेरिफिकेशन के कार्य को पूरा नहीं किया तो इसे फटाफट निपटा दें.
कितने दिन में वेरिफिकेशन के कार्य को करना है आवश्यक
गौरतलब है कि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन का कार्य करना जरूरी है. इसके लिए आयकर विभाग कुल 120 दिन का वक्त देता है. आप आईटीआर फाइल करने के साथ ही इसका वेरिफिकेशन कर सकते हैं. ई-वेरिफिकेशन एक ओटीपी आधारित प्रोसेस है जिसमें आप केवल डीमट खाते, एटीएम या आधार के जरिए वेरिफिकेशन के प्रोसेस को पूरा कर सकते हैं. बिना ई-वेरिफिकेशन के आपके रिटर्न को फाइल कर लिया जाएगा, लेकिन इसे पूरा तभी माना जाएगा जब आप इसे ई-वेरिफाई कर लेंगे.
ई-वेरिफिकेशन के कौन-कौन से हैं तरीके-
आप आधार के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए वेरिफिकेशन के कार्य को पूरा कर सकते हैं.
आप बैंक अकाउंट के साथ वेरिफिकेशन के प्रोसेस को पूरा किया जा सकता है.
डीमैट खाते के साथ भी इस प्रोसेस को पूरा किया जा सकता है. नेट बैंकिंग के साथ भी इस काम को आप पूरा कर सकते हैं.
आईटीआर ई-वेरिफिकेशन का जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
1. इसके लिए सबसे पहले आप आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर क्लिक करें. यहां आपको ई-वेरिफिकेशन का ऑप्शन मिलेगा जिस पर क्लिक करें.
2. आगे आपको पैन नंबर, असेसमेंट ईयर और आईटीआर एक्नॉलेजमेंट नंबर दर्ज करना होगा. इसके बाद Continue के विकल्प पर क्लिक करें.
3. अब आपके मोबाइल नंबर पर एक 6 डिजिट का ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करें.
4. अगर आप ई-वेरिफिकेशन को 30 से 120 दिन के भीतर कर रहे हैं तो ओके ऑप्शन पर सेलेक्ट करें.
5. आगे आपको इस देरी के पीछे के कारण को दर्ज करें.
6. इसके बाद आधार, बैंक खाते, एटीएम, नेटबैंकिंग आदि में से एक ऑप्शन को सेलेक्ट करके ई-वेरिफिकेशन के प्रोसेस को पूरा कर दें.
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